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केंद्र सरकार पंजाब के किसानों को आतंकवादी समझती है : अमरिंदर सिंह
jantaserishta.com
10 Dec 2024 3:12 AM GMT

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चंडीगढ़: पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष और लुधियाना के सांसद अमरिंदर सिंह (राजा वड़िंग) ने शंभू बॉर्डर पर चल रहे किसानों के आंदोलन पर गहरी चिंता जताई है। राज्यसभा सांसद अभिषेक मनु सिंघवी की सीट से नोट मिलने के मामले पर उन्होंने कहा कि यह कोई बड़ी बात नहीं है, कोई 50 करोड़ नहीं मिला है।
अमरिंदर सिंह ने सोमवार को आईएएनएस से कहा कि केंद्र सरकार को पंजाब के किसानों को आतंकवादी समझने की आदत हो गई है। हालांकि, किसान आतंकवादी नहीं हैं, बल्कि यह वही लोग हैं जिन्होंने इस देश को खिलाया है। किसान हमारी संस्कृति और देश की खाद्य सुरक्षा का आधार हैं। पंजाब के किसान शांति से प्रदर्शन करने आए थे और उनकी मांगें बिल्कुल सही थीं। किसान अपनी मांगों के लिए दिल्ली आना चाहते हैं। उनकी मांगें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रियों ने पहले मानी थीं, जैसे कि तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करना और उन पर दर्ज मुकदमों को वापस लेना।
उन्होंने आरोप लगाया कि इन किसानों को शांतिपूर्वक अपनी आवाज उठाने का अधिकार नहीं दिया जा रहा और उनके खिलाफ आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं। इसके साथ ही पंजाब सरकार की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए। उन्होंने कहा कि जब दिल्ली में पहला प्रदर्शन हो रहा था, तब पंजाब सरकार ने इन किसानों को दिल्ली बॉर्डर तक पहुंचाने का काम किया था, लेकिन अब वही किसान विरोध जताने पर आंसू गैस और गोलियों का सामना कर रहे हैं। यह कैसा न्याय है?
अमरिंदर सिंह ने कहा कि पंजाब के किसानों के साथ जो अन्याय हो रहा है, उसे राज्य सरकार नजरअंदाज कर रही है। हाल ही में एक शुभकरण नामक व्यक्ति की मौत हुई थी और इस मामले में अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। किसान सड़कों को बंद करने की मांग नहीं कर रहे थे। हम सिर्फ यह चाहते हैं कि किसानों की आवाज दबाई न जाए। हम यह नहीं कह रहे हैं कि आम जनता को परेशानी होनी चाहिए। किसान की आवाज को दबाना गलत है। हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि प्रदर्शन शांतिपूर्वक हो और कोई भी आम आदमी परेशान न हो। यदि किसी ने कोई गलत काम किया है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन किसानों को आतंकवादियों के तौर पर पेश करना सही नहीं है।
राज्यसभा में सांसद अभिषेक मनु सिंघवी की सीट से पैसे मिलने के सवाल पर अमरिंदर सिंह ने कहा कि किसानों के मुद्दे को डाइवर्ट करने के लिए यह मामला उठाया गया है। अगर मान लो किसी की सीट पर एक नोट मिल गया किसी की सीट पर, कोई 50 करोड़ रुपये मिल गए क्या? अगर 50 हजार रुपया मिल भी गया तो इसमें कोई बड़ी आपत्ति नहीं होनी चाहिए। क्या किसी विधायक के पास 50 हजार रुपये का पैकेट मिल जाए तो यह इतना बड़ा मुद्दा बनाना चाहिए? यह मुद्दा केवल इसलिए उठाया जा रहा है ताकि दूसरे बड़े मुद्दों से ध्यान हटाया जा सके। इसे सिर्फ एक साजिश के रूप में देखा जा सकता है, ताकि असल समस्याओं से ध्यान भटकाया जा सके।

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