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केंद्र सरकार ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम को दी मंजूरी, पीएम मोदी ने बताया आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने वाला कदम

jantaserishta.com
25 Aug 2024 3:02 AM GMT
केंद्र सरकार ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम को दी मंजूरी, पीएम मोदी ने बताया आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने वाला कदम
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शनिवार को सरकारी कर्मचारियों के लिए एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) को मंजूरी दे दी है। इस योजना से केंद्र सरकार के लगभग 23 लाख कर्मचारियों को लाभ होगा।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्‍स पर पोस्ट कर कहा, "देश की प्रगति के लिए कठिन परिश्रम करने वाले सभी सरकारी कर्मचारियों पर हमें गर्व है। यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) इन कर्मचारियों की गरिमा और आर्थिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने वाली है। यह कदम उनके कल्याण और सुरक्षित भविष्य के लिए हमारी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।"
राज्य सरकारों को एकीकृत पेंशन योजना चुनने का विकल्प भी दिया जाएगा। यदि राज्य सरकारें यूपीएस का विकल्प चुनती हैं, तो लाभार्थियों की संख्या लगभग 90 लाख होगी। सरकार के मुताबिक एरियर पर 800 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। पहले वर्ष में वार्षिक लागत वृद्धि लगभग 6,250 करोड़ रुपये होगी। यह योजना 1 अप्रैल, 2025 से प्रभावी होगी।
केंद्र सरकार के कर्मचारियों को एनपीएस और यूपीएस के बीच चयन करने का विकल्प दिया जाएगा। केंद्र सरकार के एनपीएस ग्राहकों को यूपीएस पर स्विच करने का विकल्प भी दिया जाएगा।
नई योजना के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, "सरकारी कर्मचारियों ने नई पेंशन योजना में कुछ बदलाव की मांग की थी। इसके लिए पीएम मोदी ने कैबिनेट सचिव टी.वी.सोमनाथन की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया। इस समिति ने विभिन्न संगठनों और लगभग सभी राज्यों के साथ 100 से अधिक बैठकें कीं और इन सिफारिशों के आधार पर एकीकृत पेंशन योजना तैयार की गई है।"
वहीं इस ऐलान के बाद भाजपा के राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने कहा कि आज देश भर के लाखों सरकारी नौकरी धारकों को यूपीएस के माध्यम से मोदी सरकार ने बड़ी सौगात दी है। यह स्कीम पुरानी पेंशन योजना से ज्यादा लाभदायक है। हम झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार से यह मांग करते है कि इस स्कीम को अपनाकर राज्य सरकार नौकरी धारकों को लाभान्वित करें। केंद्र सरकार के इस कदम से 23 लाख सरकारी कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। साथ ही अगर सभी राज्य इस विकल्प को चुनते हैं, तो देश भर के 90 लाख से अधिक सरकारी नौकरी धारकों को इसका लाभ मिलेगा।
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