यूपी। गाजियाबाद जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जो आपको भी हैरान कर सकता है। दरअसल गाजियाबाद में सेल टैक्स अधिकारियों की कार्रवाई से एक व्यापारी है इतना गुस्सा हो गया कि उसने अधिकारियों के ऑफिस में ही अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए और ऑफिस में आलती-पालटी मारकर बैठ गया। इस पूरी घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है जिसे देखकर लोग हक्के-बक्के रह गए हैं।
उत्तर प्रदेश का जीएसटी डिपार्टमेंट किस कदर जैन व्यापारियों को लूटने के लिए पेनल्टी वसूलने का दबाव बनाते है और जब व्यापारी अतुल जैन लोहा मंडी गाजियाबाद परेशान हो जाते है तो अपने वस्त्र खोलकर "अहिंसा परमो धर्मा" का पर विश्वास करते है और अधिकारियों को मुंह तोड़ जवाब देते है। pic.twitter.com/i8vpII521W
— अखिल भारतीय दिगम्बर जैन युवा एकता संघ-@ABDJYES_Ind (@ABDJYES_Ind) October 5, 2024
ये पूरी घटना मोहन नगर स्थित जीएसटी ऑफिस की बताई जा रही है। जहां एक व्यापारी ने अधिकारियों पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए ऑफिस में ही कपड़े उतार दिए और धरने पर बैठ गया। जानकारी के मुताबिक व्यापारी ने अधिकारियों पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाते हुए कहा कि, उनकी एक गाड़ी मेरठ से गाजियाबाद माल ले कर गई थी। गाड़ी उन के गोदाम पर खड़ी थी। सुबह 6 बजे अधिकारी आते हैं और वह गाड़ी के कागज मांगते है। साथ ही बिना कुछ बताए अधिकारी गाड़ी लेकर चले गए और ड्राइवर से बोला कि व्यापारी को ढाई बजे तक ऑफिस भेज देना। व्यापारी का आरोप है कि उन्होंने लगातार अधिकारी को फोन मिलाया लेकिन उन्होंने गाड़ी पकड़ने की कोई वजह नहीं बताई। इसके बाद वह अपने व्यापारियों साथियों के साथ अधिकारी से मिले। इस दौरान अधिकारियों ने उनसे रिश्वत मांगी।
जिस पर अधिकारी ने कहा कि वह धारा 129 के तहत चालान कर सकते हैं और कहा कि तुम्हारा टैक्स 1 लाख 95 हजार वहीं व्यापारी ने जब गाड़ी साथ ले जाने की वजह पूछी तो अधिकारियों ने बताया कि डिलीवरी चालान के अंदर साइज मेंशन नहीं किया गया है। इस पर व्यापारी ने कहा कि ऐसा कोई कानून नहीं है। व्यापारी ने पैसे देने से साफ इंकार कर दिए। व्यापारी ने अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि, उनका 85 लाख रुपए हर महीना का कलेक्शन का टार्गेट है। यह कलेक्शन सरकार को जाता है। हम झोली भर के सरकार को टैक्स देते हैं। हमारी स्थिति और पैसे देने की नहीं है और मुझे लड़ना नहीं था इसलिए मैंने अपने कपड़े उतार दिए।