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हैदराबाद: उत्तर भारत की कांवड़ यात्रा 22 जुलाई से शुरू हो रही है। कांवरिया हरिद्वार से गंगाजल लेकर सबसे पहले मुजफ्फरनगर जिले में दाखिल होते हैं। कांवड़ियों के गुजरने वाले रास्ते पर ढाबा और होटल के बाहर मालिक के नाम का बोर्ड लगाने की बात कही जा रही है।
इस पर अब बवाल मच गया है। एआईएमआईएम के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि ''ढाबा और होटल जैसी जगहों के बाहर अपने मजहब की पहचान बताना। यह संविधान के आर्टिकल-17 (छूआछूत), आर्टिकल-21 (जीने का अधिकार) और आर्टिकल-19 (जीवन यापन) का उल्लंघन है।''
''उत्तर प्रदेश की सरकार छुआछूत को बढ़ावा दे रही है। मुजफ्फरनगर के ढाबों से मुस्लिम कर्मचारियों को निकाला जा रहा है। उस रास्ते पर मैकडॉनल्ड, केएफसी, पिज्जा हट और कैफे कॉफी डे जैसे रेस्तरां है, सरकार उन पर क्यों नहीं कुछ बोल रही है ? उनसे कोई बातचीत हो गई है क्या ?''
उन्होंने कहा कि ''मुस्लिम और हिंदू की दुकान को बांटा जा रहा है। मैं योगी सरकार से अपील करता हूं कि आपके अंदर अगर हिम्मत है तो इस पर लिखित ऑर्डर निकालिए। उनके अंदर हिटलर की आत्मा समाहित हो गई। वो यात्रा को बढ़ावा देंगे, लेकिन लोगों के रोजगार को खत्म कर देंगे।''
''भाजपा अल्पसंख्यकों को दोयम दर्जे का नागरिक समझती है। भाजपा को मुसलमानों से इतनी नफरत क्यों है ? पीएम मोदी संविधान को चूमने का नाटक करते हैं, जबकि उन्होंने संविधान की धज्जियां उड़ा दी है।''
दरअसल, यूपी पुलिस-प्रशासन पर आरोप लग रहा है कि उनकी तरफ से कांवड़ यात्रा मार्ग पर सभी दुकानदारों को अपना पूरा नाम लिखने का आदेश दिया गया है।
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