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बिहार के वैशाली में 'पीएम किसान सम्मान योजना' का लाभ उठाकर हो रही बेहतर खेती
jantaserishta.com
5 Dec 2024 3:23 AM GMT
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वैशाली: किसानों की हालात में सुधार लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा फरवरी 2019 में शुरू की गई 'पीएम किसान सम्मान योजना' अन्नदाताओं के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। योजना से सालाना तीन किस्तों में मिलने वाले छह हजार रुपये से किसान न सिर्फ नई-नई फसलों की शुरुआत कर रहे हैं, बल्कि समय पर फसलों में पड़ने वाली खाद और दवा का भी इस्तेमाल कर पा रहे हैं।
बिहार के वैशाली में पीएम किसान योजना का लाभ पाकर किसान गदगद हैं। यहां किसानों को इस योजना से मिलने वाली राशि से न सिर्फ खाद बीज खरीदने में सहूलियत हो रही है, बल्कि नई-नई खेती और पैदावार के लिए भी कई प्रयोग करने के लिए पैसे मिल जा रहे हैं। साथ ही पैसों की कमी न होने के कारण किसान एक सीजन में दोहरी खेती भी कर पा रहे हैं।
स्थानीय किसान चंद्र भूषण राय ने आईएएनएस को बताया, "पहले हमें खेती में काफी मुश्किलें आती थीं, लेकिन अब प्रधानमंत्री योजना का लाभ मिलने से हम जैविक खेती और अन्य बेहतर तरीकों से कृषि कार्य कर पा रहे हैं, जिससे हमारी स्थिति सुधरी है। साग-सब्जी की जो उपज होती है, उसे हम स्थानीय बाजार में बेचते हैं, लेकिन यहां उचित दाम नहीं मिलता है, इसलिए थोड़ी समस्या होती है। हालांकि पहले जितनी परेशानी होती थी, अब स्थिति काफी बेहतर हो गई है। अब हम अपनी खेती से बेहतर तरीके से कमा रहे हैं और स्थिति में सुधार है।"
एक अन्य किसान उमेश राय ने बताया, "हम पीएम किसान सम्मान योजना का लाभ उठाते हैं, जिससे हमें समय पर खेती करने में मदद मिलती है। जैविक खेती में खाद के लिए 11 हजार रुपये प्रति एकड़ की राशि प्राप्त करते हैं। इस राशि का उपयोग हम खाद, बीज खरीदने और खेती में करते हैं, जिससे समय पर काम पूरा होता है। पहले हमें पैसों की कमी के कारण खेती में बहुत समस्याएं आती थीं, खासकर धान और गेहूं की खेती करते वक्त, और सब्जी की खेती करना मुश्किल था। अब हमें पैसा मिलने से खेती का काम आसान हो गया है और हमारी स्थिति में सुधार हुआ है।"
उन्होंने कहा, "मैं इस खेती में सक्रिय रूप से शामिल हूं। हमने टमाटर की खेती शुरू की है और अब हम सेम और परवल की भी खेती कर रहे हैं। हम दोहरी खेती कर रहे हैं, जिससे हमें अच्छा उत्पादन मिल रहा है और हम अपनी उपज को बेहतर तरीके से बेचने की कोशिश कर रहे हैं।"
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