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समाजवादी पार्टी की जीत से डर गए हैं, इसलिए बदली चुनाव की तारीख : धर्मेंद्र यादव

jantaserishta.com
5 Nov 2024 2:45 AM GMT
समाजवादी पार्टी की जीत से डर गए हैं, इसलिए बदली चुनाव की तारीख : धर्मेंद्र यादव
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मैनपुरी: चुनाव आयोग द्वारा उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तारीख बदलने के फैसले पर आजमगढ़ से समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यह लोग डरे हुए हैं, इसलिए यह फैसला लिया गया है।
सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने सोमवार को मैनपुरी में मीडिया से बात करते हुए कहा, "इन्होंने तारीख को इसलिए बढ़ाया है, क्योंकि ये लोग डर रहे हैं। इनके पास इंटेलिजेंस की तमाम एजेंसियां हैं और सरकार भी उनकी है। उनके पास सीधी रिपोर्ट है कि समाजवादी पार्टी बड़े अंतर के साथ जीत रही है। हो सकता है कि कोई तिकड़म करने की वजह से एक सप्ताह का और समय चुनाव आयोग से लिया हो।"
उन्होंने आगे कहा, "जब चुनाव आयोग तारीख देता है तो बहुत सारे मुद्दों पर सरकार से चर्चा होती है। इसी तरह से मिल्कीपुर का चुनाव भी रोका गया और अब मिल्कीपुर छोड़िए बाकी सब चुनाव से भी भागे जा रहे हैं।"
धर्मेंद्र यादव ने कुंभ मेले में गैर हिंदुओं को दुकान लगाने से रोके जाने पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "इस तरह के बयान संविधान विरोधी हैं। हमारे संविधान निर्माताओं ने संविधान सभा में बैठकर चिंतन-मंथन कर देश को पंथनिरपेक्ष राष्ट्र के तौर पर स्थापित किया। पूरे देशवासियों ने संविधान को अपनाया। मैं समझता हूं कि देश के हर व्यक्ति को कहीं भी व्यापार करने से लेकर, भ्रमण तक और अर्थ से लेकर धर्म की तमाम स्वतंत्रताएं दी गई हैं, लेकिन यह लोग इस तरह की बातें सिर्फ नफरत फैलाने के लिए कर रहे हैं।"
सपा सांसद ने 'बंटोगे तो कटोगे' नारे को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "भाजपा के 'सबका साथ-सबका विकास' के नारे की हवा निकल चुकी है और अब लोग जागरूक भी हो गए हैं। उन्होंने अयोध्या के नाम पर पूरे देश में वोट मांगे, लेकिन उन्होंने अयोध्या के लोगों की समस्याओं को नहीं समझा और उसका समाधान भी नहीं किया। इसी का परिणाम है कि अब भगवान राम का आशीर्वाद भी समाजवादियों के साथ है।"
उन्होंने मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट पर 'सैफई' परिवार के चुनाव-प्रचार पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि "सैफई कुनबा" कहना यह अपमानजनक है। जहां तक करहल विधानसभा पर होने वाले उपचुनाव का सवाल है तो यह हमारा पारिवारिक क्षेत्र रहा है। सबके संबंध हैं और यहीं लोग पले-बढ़े हैं। स्वाभाविक है कि इसमें बीजेपी को दिक्कत क्या है? सारा पीडीए (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) परिवार राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के नेतृत्व में इकट्ठा है और जिस तरह से लोकसभा का परिणाम आया, उससे भी बेहतर परिणाम आगामी विधानसभा उपचुनाव में देखने को मिलेगा।
भाजपा प्रत्याशी अनुजेश यादव के साथ नाम जोड़े जाने पर धर्मेंद्र यादव ने कहा, "कोई भी बात किसी से छिपी नहीं है। प्रदेश और देश में किसी से भी रिश्ते हो सकते हैं, लेकिन जिस दिन से उन्होंने भाजपा ज्वाइन की है, उसके बाद से मैंने किसी तरह का कोई संपर्क नहीं किया है। मैं साल 2019 में भी इस बात पर सफाई दे चुका हूं।"
उन्होंने सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी के खिलाफ फतवा जारी होने पर कहा कि समाजवादी लोग हर वर्ग के लोगों का सम्मान करते हैं, हर जाति और मजहब की परंपरा, आस्थाओं का सम्मान करते हैं।
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