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उत्तराखंड में मतदाताओं के साथ ही मतदान केंद्रों की संख्या भी बढ़ी

jantaserishta.com
31 Oct 2024 2:54 AM GMT
उत्तराखंड में मतदाताओं के साथ ही मतदान केंद्रों की संख्या भी बढ़ी
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देहरादून: उत्तराखंड में निर्वाचन आयोग ने 1 जनवरी 2025 को 18 साल पूरा करने जा रहे लोगों के आंकड़े जारी किए हैं। इस आंकड़े के साथ प्रदेश में एक लाख 28 हजार 277 मतदाता बढ़ गए हैं।
प्रदेश में पांच नए मतदान केंद्र भी बनाए गए हैं। प्रदेश के अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने मीडिया को इसकी जानकारी दी है।
उन्होंने बताया कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम की अध्यक्षता में मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक हुई और उन्हें विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण की जानकारी दी गई।
अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि 10 अक्टूबर 2024 तक पुनरीक्षण के अंतर्गत प्रदेश में मतदाताओं की संख्या 83 लाख 71 हजार 700 हो गई है।
पहले यह संख्या 82 लाख 43 हजार 423 थी। प्रदेश में 2,42,365 नए मतदाता पंजीकृत हुए, जबकि 1,14,088 के नाम मतदाता सूची से काटे गए हैं।
उन्होंने बताया कि पुनरीक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश भर में निर्वाचक नामावली का प्रकाशन कर दिया गया है। 28 नवंबर तक मतदाता दावे एवं आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। दावे और आपत्तियों का निस्तारण 24 दिसंबर तक किया जाएगा, जबकि नामावली का अंतिम प्रकाशन 6 जनवरी 2025 को किया जाएगा।
विजय कुमार जोगदंडे ने कहा, “प्रतिवर्ष निर्वाचन आयोग निर्वाचन नामावली के पुनः संशोधन के लिए कार्य प्रारंभ करता है। इस संदर्भ में एक विशेष अभियान हर वर्ष अक्टूबर से जनवरी तक चलाया जाता है। आज इसी अभियान के तहत निर्वाचन नामावलियों का ड्राफ्ट प्रकाशन किया गया है। इस क्रम में आज सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों और पदाधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता मुख्य निर्वाचन अधिकारी महोदय ने की। बैठक में इस अभियान के बारे में जानकारी दी गई और सभी आवश्यक कार्यों की योजना बनाई गई।”
उन्होंने कहा, “इस विशेष संक्षिप्त कार्यक्रम के अंतर्गत, राज्यों में मध्य स्थल की संख्या का निर्धारण किया गया। वर्तमान में, हमारे राज्य में 11,729 मतदान केंद्र थे, जिन्हें बढ़ाकर 11,733 किया गया है। इसमें तीन मतदान केंद्र देहरादून में और दो हरिद्वार जनपद में जोड़े गए हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “यह महत्वपूर्ण है कि ड्राफ्ट प्रकाशन के बाद अगले एक महीने तक अगर किसी मतदाता का नाम गलत है या छूट गया है, तो वे अपनी आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। इसके लिए एक महीने का समय सभी के लिए दिया जाएगा। निर्वाचन नामावली का यह ड्राफ्ट सार्वजनिक नोटिस बोर्ड पर जिलाधिकारी के माध्यम से जनता के लिए प्रदर्शित किया जाएगा। संबंधित दलों के पदाधिकारियों को भी बैठक करके इस संबंध में अवगत कराया जाएगा।”
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