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'एआई/एमएल' कई काम कर सकता, लेकिन मानव मस्तिष्क की जगह नहीं ले सकता : अजीत कुमार मोहंती
jantaserishta.com
29 Dec 2024 2:41 AM GMT
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भोपाल: भारत के परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष और केंद्र सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग के सचिव डॉ. अजीत कुमार मोहंती ने शनिवार को आईएएनएस से खास बात की। इस दौरान उन्होंने 'एआई/एमएल' (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस/मशीन लर्निंग) की तारीफ की।
'एआई/एमएल' के मानव मस्तिष्क की जगह लेने के सवाल पर अजीत कुमार मोहंती ने कहा, जैसा कि मैंने आईआईटी भुवनेश्वर के दीक्षांत समारोह में कहा था, 'एआई/एमएल' एक अद्भुत चीज है। यह मनुष्यों की सहायता करेगा और कई काम कर सकता है, लेकिन यह मानव मस्तिष्क की जगह नहीं ले सकता। हमें अधिक इनोवेटिव और उत्पादक बनना होगा और ये उपकरण निश्चित रूप से मददगार हैं। वहीं, मानव मस्तिष्क उतनी कंप्यूटिंग नहीं करता। लेकिन नवाचार और नए विचार मानव मस्तिष्क से ही आने चाहिए।
इस तकनीक से धरती पर कई सारे सूर्य बनाने के सवाल पर उन्होंने बताया, "समय की मांग है कि हमें और अधिक उन्नत परमाणु रिएक्टर, छोटे रिएक्टर, माइक्रो रिएक्टर बनाने होंगे। इसके अलावा हमें परमाणु संलयन पर काम करना होगा। दरअसल, ऊर्जा परमाणु संलयन से आती है, यह तकनीक निश्चित रूप से समस्या का समाधान करेगी। जैसे सूर्य का उपयोग करने से हमें ऊर्जा मिलती है। हमें ऐसी तकनीक का उपयोग कर धरती पर कई सारे सूर्य बनाने चाहिए।"
उन्होंने कहा, "परमाणु ऊर्जा का अगर आप नियंत्रित तरीके से उपयोग नहीं करते हैं, तो यह बमबारी के अलावा और कुछ नहीं है। लेकिन परमाणु से प्राप्त ऊर्जा का उपयोग राष्ट्र की सेवा के लिए किया जा सकता है, उसी ऊर्जा का उपयोग बिजली उत्पादन के लिए किया जा सकता है, जो समय की मांग है। कार्बन मुक्त बिजली उत्पादन, स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए कैंसर के इलाज के लिए परमाणु विकिरण का उपयोग कर सकते हैं।"
परमाणु ऊर्जा पूरी तरह स्वदेशी और आत्मनिर्भर होने का दावा करते हुए उन्होंने कहा, "हम पिछले 70 वर्षों से काम कर रहे हैं, हमारे पास 220 मेगावाट रिएक्टर हैं, हमारे पास 540 मेगावाट रिएक्टर हैं, अब हमारे पास 700 मेगावाट रिएक्टर होंगे और भविष्य में हमारे पास इससे भी बड़े परमाणु रिएक्टर होंगे। हम परमाणु ऊर्जा में पूरी तरह से आत्मनिर्भर हैं। वैश्विक परिप्रेक्ष्य में हमारा स्थान बहुत ऊंचा है।"
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