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सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवा की पहली महिला महानिदेशक बनीं आरती सरीन

jantaserishta.com
1 Oct 2024 11:30 AM GMT
सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवा की पहली महिला महानिदेशक बनीं आरती सरीन
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नई दिल्ली: शल्‍य चिकित्‍सक वाइस एडमिरल आरती सरीन, सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवा (डीजीएएफएमएस) की पहली महिला महानिदेशक बनी हैं। वाइस एडमिरल आरती सरीन ने 1 अक्टूबर को सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवा की महानिदेशक का पदभार संभाला। वह यह पदभार संभालने वाली पहली महिला अधिकारी हैं।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा मेडिकल प्रोफेशनल्स के लिए सुरक्षित कार्य स्थितियों और प्रोटोकॉल तैयार करने के लिए हाल ही में आरती सरीन को राष्ट्रीय टास्क फोर्स के सदस्य के रूप में भी नियुक्त किया गया है। वाइस एडमिरल आरती सरीन को भारतीय सशस्त्र बलों की तीनों शाखाओं में सेवाएं देने का दुर्लभ गौरव प्राप्त है।
उन्हें भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट से कैप्टन तक, भारतीय नौसेना में सर्जन लेफ्टिनेंट से सर्जन वाइस एडमिरल तक तथा भारतीय वायु सेना में एयर मार्शल के रूप में कार्य करने का अनुभव है। 46वें डीजीएएफएमएस के रूप में पदभार संभालने से पहले, वाइस एडमिरल आरती सरीन ने डीजी मेडिकल सर्विसेज (नौसेना), डीजी मेडिकल सर्विसेज (वायु) और पुणे स्थित सशस्त्र बल चिकित्सा महाविद्यालय के निदेशक और कमांडेंट के पदों पर कार्य किया है।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक वाइस एडमिरल आरती सरीन, एएफएमसी, पुणे की पूर्व छात्रा हैं। उन्‍होंने दिसंबर 1985 में सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाओं में कार्यभार संभाला था। वह एएफएमसी, पुणे से रेडियो डायग्नोसिस में एमडी हैं। मुंबई के टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल से रेडिएशन ऑन्कोलॉजी में डिप्लोमेट नेशनल बोर्ड होने के साथ ही उन्होंने पिट्सबर्ग विश्वविद्यालय से गामा नाइफ सर्जरी में प्रशिक्षण भी प्राप्त किया है।
अपने 38 वर्षों के कार्यकाल में वाइस एडमिरल आरती सरीन, ने प्रोफेसर और प्रमुख, रेडिएशन ऑन्कोलॉजी, आर्मी हॉस्पिटल में काम किया है। वह कमांड हॉस्पिटल पुणे में कमांडिंग ऑफिसर रह चुकी हैं। उन्होंने दक्षिणी और पश्चिमी नौसेना कमान में कमांड मेडिकल ऑफिसर के पदों पर कार्य किया है।
वाइस एडमिरल आरती सरीन को वर्ष 2024 में अति विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया था। इससे पहले उन्‍हें वर्ष 2021 में विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें विशिष्ट सेवा के लिए चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ प्रशस्ति (2017), चीफ ऑफ नेवल स्टाफ प्रशस्ति (2001) और जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ प्रशस्ति (2013) से भी सम्मानित किया गया है।
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