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दिल्ली जाने के लिए बड़ी तैयारी करनी पड़ेगी, बातचीत का माहौल बनाए सरकार : राकेश टिकैत

jantaserishta.com
14 Dec 2024 3:07 AM GMT
दिल्ली जाने के लिए बड़ी तैयारी करनी पड़ेगी, बातचीत का माहौल बनाए सरकार : राकेश टिकैत
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खनोरी बॉर्डर: किसान नेता राकेश टिकैत ने शुक्रवार को जगजीत सिंह डल्लेवाल से मुलाकात की। यह मुलाकात खनोरी बॉर्डर पर हुई। मुलाकात के बाद राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार को बातचीत का माहौल बनाना चाहिए। डल्लेवाल की तबीयत को लेकर हम चिंतित हैं।
राकेश टिकैत ने आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा कि उनकी तबीयत को लेकर हम चिंतित हैं। सरकार को बातचीत का माहौल बनाना चाहिए। अब दिल्ली जाने के लिए हम नया प्लान बनाएंगे। फिलहाल, दिल्ली जाने का माहौल नहीं है, दिल्ली जाने के लिए बड़ी तैयारी करनी पड़ेगी।
टिकैत ने आगे कहा कि हम अपनी बैठक का प्लान बनाएंगे। फिलहाल, ऐसा माहौल नहीं है कि किसान दिल्ली जाने की तैयारी कर सकें, इसके लिए बड़ी तैयारी करनी पड़ेगी। हम देखेंगे कि स्थिति कैसी होती है, अभी तो यह है कि पहले सब ठीक हो जाए और जब हरियाणा का समय आएगा, तब हम आगे का प्लान बताएंगे।
दरअसल, किसानों की मांग को लेकर खनोरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल आमरण अनशन पर हैं। अनशन की वजह से उनकी सेहत लगातार बिगड़ती जा रही है। इसी बीच, शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने उनके स्वास्थ्य पर गहरी चिंता जताई। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जवल भुइयां की खंडपीठ ने कहा कि डल्लेवाल को तुरंत मेडिकल सुविधा दी जाए, लेकिन उन्हें जबरदस्ती अनशन तोड़ने के लिए मजबूर न किया जाए।
इसके अलावा, कोर्ट ने पंजाब और केंद्र सरकार को निर्देश देते हुए कहा कि डल्लेवाल की जिंदगी आंदोलन से ज्यादा कीमती है। उनकी सेहत को बिगड़ने से रोकना आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए।
जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि मौसम को देखते हुए आंदोलन को रोकने या स्थान बदलने पर विचार करें। कमेटी को काम करने दें और अगर समस्या का समाधान न निकले तो प्रदर्शन फिर शुरू किया जा सकता है।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और पंजाब के एडवोकेट जनरल गुरमिंदर सिंह ने कमेटी के इस प्रस्ताव पर सहमति जताई। उन्होंने भरोसा दिलाया कि वह किसानों से बातचीत करेंगे और डल्लेवाल को हरसंभव मेडिकल सुविधा मुहैया कराएंगे।
बता दें कि पंजाब-हरियाणा (शंभू) बॉर्डर से किसान एक बार फिर दिल्ली की ओर बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। इस आंदोलन में शंभू बॉर्डर पर 13 फरवरी से आठ महीने से ज्यादा समय से धरना दे रहे किसान अब ट्रैक्टर-ट्रॉली के बिना पैदल ही दिल्ली की ओर बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं।
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