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काबुल: अफगानिस्तान के सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस साल नागरिकों में एक्वायर्ड इम्यूनो डिफिशिएंसी सिंड्रोम (एड्स)/एचआईवी के 200 नए मामले दर्ज किए हैं।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, सरकारी समाचार एजेंसी बख्तर ने मंत्रालय के हवाले से बताया है कि अफगानिस्तान में एचआईवी/एड्स के लिए आठ उपचार केंद्र और 61 डायग्नोस्टिक सेंटर सक्रिय हैं तथा पूरे देश में एचआईवी/एड्स से पीड़ित व्यक्तियों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।
मंत्रालय के प्रवक्ता शराफत जमान अमरखेल के अनुसार, 1989 से अब तक अफगानिस्तान में एचआईवी के कुल 3,700 मामले सामने आए हैं।
फिलहाल, पूरे देश में इस वायरस से संक्रमित 1,400 लोग उपचार प्राप्त कर रहे हैं।
हाल ही में एचआईवी/एड्स पर संयुक्त राष्ट्र कार्यक्रम (यूएनएड्स) के आंकड़ों से पता चला है कि साल 2023 में दुनिया भर में लगभग 3.99 करोड़ लोग एचआईवी से संक्रमित थे, जबकि इसी अवधि के दौरान एड्स से संबंधित बीमारियों के कारण 6,30,000 लोगों की जान चली गई।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के 2023 के आंकडों पर नजर डालें तो पिछले साल अफगानिस्तान की एक प्रतिशत आबादी एचआईवी/एड्स से प्रभावित थी। मंत्रालय ने बताया था कि संक्रामक नियंत्रण कार्यक्रम के माध्यम से 3,492 व्यक्तियों की सहायता की गई ।
साल 1998 से हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य इस गंभीर बीमारी के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाना है।
एक्वायर्ड इम्यूनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम (एड्स), एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलती है। इस बीमारी के लक्षण तीन चरणों में दिखाई देते हैं। शुरुआत में मरीज को सुपरफिशियल इन्फेक्शन का अनुभव होता है। इसके बाद यह बीमारी बढ़ती जाती है, जिससे बाद अक्सर मरीज को कमजोरी और गंभीर सूजन का सामना करना पड़ता है।
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