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उत्तर कोरिया ने फिर किया 'नए किस्म' की बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण, नहीं खत्म हो रही किम जोंग उन की 'सनक'
Renuka Sahu
25 March 2022 2:06 AM GMT
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फाइल फोटो
समाचार एजेंसी एएफपी ने उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया का हवाला देते हुए रिपोर्ट किया कि किम जोंग उन ने व्यक्तिगत रूप से देश की "नए प्रकार" की अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल के परीक्षण का निरीक्षण किया.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। समाचार एजेंसी एएफपी ने उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया का हवाला देते हुए रिपोर्ट किया कि किम जोंग उन ने व्यक्तिगत रूप से देश की "नए प्रकार" की अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल के परीक्षण का निरीक्षण किया. केसीएनए ने कहा, "डीपीआरके रणनीतिक बलों की एक नए प्रकार की अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल ह्वासोंग-17 का परीक्षण-लॉन्च 24 मार्च को किम जोंग उन के प्रत्यक्ष मार्गदर्शन में किया गया था." ह्वासोंग-17 एक विशाल ICBM है, जिसका पहली बार अक्टूबर 2020 में अनावरण किया गया था.
विश्लेषकों द्वारा ह्वासोंग-17 को "Monster Missile" करार दिया गया था. इसका पहले कभी सफलतापूर्वक परीक्षण नहीं किया गया है. KCNA ने कहा, "मिसाइल, प्योंगयांग अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से लॉन्च की गई, जिसने 6,248.5 किमी की अधिकतम ऊंचाई तक की यात्रा की और 4,052 सेकंड में 1,090 किमी की दूरी तय की तथा खुले पानी में पूर्व-निर्धारित क्षेत्र को सटीक रूप से हिट किया."
दक्षिण कोरिया की सेना ने गुरुवार के प्रक्षेपण की सीमा का अनुमान 6,200 किलोमीटर (3,800 मील) के रूप में लगाया था, जो अक्टूबर 2017 में उत्तर कोरिया द्वारा परीक्षण किए गए पिछले आईसीबीएम की तुलना में कहीं अधिक ज्यादा है. गुरुवार का लॉन्च इस साल अब तक लगभग एक दर्जन उत्तर कोरियाई हथियारों के परीक्षण में से एक है, जो परमाणु-सशस्त्र देश द्वारा लंबी दूरी के परीक्षण में एक नाटकीय वापसी को चिह्नित करता है.
यह उत्तर कोरिया का अब तक का सबसे बड़ा आईसीबीएम परीक्षण हो सकता है. 2017 के बाद पहली बार किम की सबसे शक्तिशाली मिसाइल का परीक्षण किया है. केसीएनए के अनुसार, किम ने कहा कि नया हथियार "एक शक्तिशाली परमाणु युद्ध निवारक के रूप में अपने मिशन और कर्तव्य को विश्वसनीय रूप से निभाएगा."
वहीं, समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार, विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर कोरिया अपने शस्त्रागार को आधुनिक बनाने के लिए तेजी से कार्रवाई कर रहा है और ठप पड़ी परमाणु निरस्त्रीकरण वार्ता के बीच अमेरिका पर रियायतें देने के लिए इसके जरिए दबाव डालना चाहता है.
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