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ट्रंप प्रशासन ने किया ऐलान: हजारों चीनी छात्रों का रद्द किया वीजा, बताया अमेरिकी सुरक्षा को खतरा

Janta se Rishta
10 Sep 2020 4:20 AM GMT
ट्रंप प्रशासन ने किया ऐलान: हजारों चीनी छात्रों का रद्द किया वीजा, बताया अमेरिकी सुरक्षा को खतरा
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क|अमेरिकी प्रशासन ने हजारों चीनी छात्रों के वीजा रद्द कर दिए हैं. जिन छात्रों के वीजा रद्द किए गए हैं वो ग्रैजुएट और रिसर्चर स्टूडेंट्स हैं. कार्यवाहक गृह मंत्री चेड वोल्फ ने इस संबंध में पहले ही कहा था कि अमेरिका, चीन के खुफिया विभाग या पीपल्स लिबरेशन आर्मी से संबद्ध चीन के शैक्षणिक संस्थानों से जुड़े ग्रेजुएट छात्रों और रिसचर्स के वीजा रद्द करने के महीनों पुराने प्रस्ताव पर विचार करते हुए यह फैसला लिया है. क्योंकि वे जासूसी या बौद्धिक संपदा की चोरी जैसे खतरा पैदा कर सकते हैं.

चेड वोल्फ ने एक बार फिर से अन्यायपूर्ण व्यापार व्यहार, औद्योगिक जासूसी और कोरोनावायरस रिसर्च चुराने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह चीन, अमेरिका द्वारा छात्रों को दिए जा रहे वीजा का दुरुपयोग कर रहा है. इसके साथ ही वह अमेरिकी शिक्षा का भी गलत प्रयोग कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि अमेरिका, चीन द्वारा बनाए जा रहे माल पर भी रोक लगाने जा रहा है. जिससे अमेरिकी बाजार में वैसे सामान ना उतारा जा सके, जो गुलाम मजदूरों द्वारा बनवाए जा रहे हों. चीन को किसी का शोषण नहीं करना चाहिए. उन्हें प्रत्येक इंसान और उनकी गरिमा का सम्मान करना चाहिए. अमेरिका ने चीन के झिंजियांग प्रांत में रहने वाले मुस्लिमों पर शोषण के आरोप लगाते हुए यह बात कही है.

एक अमेरिकी प्रवक्ता ने कहा कि 29 मई को अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा की गई घोषणा के फलस्वरूप यह फैसला लिया गया है. क्योंकि चीन, हांगकांग में लोकतंत्र को खत्म करने का प्रयास कर रहा है.

बता दें, ट्रंप ने कहा था कि अब "हांगकांग के साथ चीन के समान ही व्यवहार किया जाएगा." हांगकांग के लिए चीन के नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को लागू करने के फैसले का हवाला देते हुए, ट्रम्प ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए और कहा कि इससे हांगकांग को मिलने वाली विशेष आर्थिक छूट और तरजीह को समाप्त कर दिया जाएगा.

एक सम्मेलन में इस फैसले को लेकर राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, अब कोई विशेषाधिकार नहीं, कोई विशेष आर्थिक सुविधा नहीं और किसी संवेदनशील तकनीक का कोई कारोबार नहीं होगा.

डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वे अमेरिका में अध्ययन कर रहे चीनी शोधकर्ताओं पर प्रतिबंध लगा रहे हैं क्योंकि ये लोग अमेरिका की सुरक्षा के लिए खतरा हैं. इसके अलावा अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध उन कंपनियों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी जो अमेरिकी कानूनों का पालन नहीं कर रही हैं.

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