छत्तीसगढ़

दुर्ग: विद्युत एवं यांत्रिकी विभाग के अधिकारी शासन की आंख में धूल झोंक रहे

Janta se Rishta
10 Sep 2020 6:26 AM GMT
दुर्ग: विद्युत एवं यांत्रिकी विभाग के अधिकारी शासन की आंख में धूल झोंक रहे
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रायपुर (जसेरि)। दुर्ग जिले में पदस्थ लोक निर्माण विभाग के विद्युत एवं यांत्रिकी विभाग के अधिकारी शासन की आंख में धूल झोंक रहे हैं। कोहका-जुनवानी मार्ग पर निर्माणाधीन सड़क में एसडीपी प्वाइंट और पोल के फाउंडेशन का काम पूरा हो चुका है, लेकिन अधिकारियों ने उसी काम को दोबारा करने के लिए टेंडर जारी कर दिया है। इससे यह साबित होता है कि सालों से एक ही जगह पर अंगद की तरह पांव जमा कर बैठे अधिकारी किस तरह शासन को गुमराह करने में लगे हैं। विद्युत एवं यांत्रिकी विभाग के अधिकारी का कहना है कि टेंडर इसलिए जारी किया गया है ताकि अतिरिक्त काम कराना पड़े तो समस्या खड़ी न हो।
ज्ञात हो कि विद्युत एवं यांत्रिकी विभाग ने कोहका-जुनवानी रोड पर स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए एक करोड़ 96 लाख रुपये का टेंडर जारी किया है। एसडीपी प्वाइंट और पोल के फाउंडेशन के काम को जोड़कर टेंडर जारी किया गया है। यांत्रिकी विभाग ने जब इस काम के लिए पहली बार 24 जनवरी 2020 को टेंडर जारी किया था उससे पहले एसडीपी प्वाइंट और पोल के फाउंडेशन का काम पूरा हो चुका है। अधिकारियों की दलील है कि यदि काम के दौरान चार फाउंडेशन का काम कराना पड़ गया तो अचानक किससे काम कराया जाएगा इसलिए सभी काम का टेंडर जारी किया गया है, ठेका एजेंसी जितना काम करती है, उतने के ही पैसे का भुगतान किया जाता है।
तीसरी बार निकाला गया टेंडर : सूत्रों के अनुसार विद्युत एवं यात्रिकी विभाग ने अपने मातहतों को टेंडर दिलाने के लिए तीसरी बार टेंडर जारी किया है। पहली बार टेंडर में आठ कंपनियों ने भाग लिया था, लेकिन विभाग ने टेंडर प्रक्रिया ही रद कर दी थी। तब कहा गया था कि विभाग की शर्तों पर कंपनियां खरी नहीं उतरीं। चेहते को टेंडर देने में दिक्कत होती, इसलिए टेंडर को निरस्त कर शर्तों में बदलाव कर दोबारा टेंडर जारी किया गया।

इस टेंडर में भी खामियां मिलीं तो तीसरी बार टेंडर जारी कर ऐसी शर्त रखी कि ज्यादातर ठेका एजेंसियों का कंपनी से ओएमयू नहीं हो पाया और वह खुद ब खुद दौड़ से बाहर हो गईं।

टेंडर जारी करते समय सभी कार्यों का टेंडर जारी किया जाता है। काम के दौरान अतिरिक्त काम कराने की जरूरत पड़ सकती है इसलिए टेंडर सभी जारी करते हैं। जितना काम कराते हैं, ठेका एजेंसी को उतने काम का ही भुगतान किया जाता है।

  • नरेंद्र कुमार लाल, सुपरिन्टेंडेंट इंजीनियर,
    विद्युत यांत्रिकी विभाग छत्तीसगढ़

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