डिस्कॉम्स को 12 फीसदी तक देंगी लेट पेमेंट सरचार्ज, आम लोगों को मिलेगा लाभ
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। नई दिल्ली,ऊर्जा मंत्रालय ने मौजूदा संकट को देखते हुए पॉवर जेनरेशन फर्म्स और ट्रांसमिशन कंपनियों को सलाह दी है कि वो Discoms पर 12 फीसदी से ज्यादा लेट पेमेंट सरचार्ज न वसूलें. कई मामलों में यह लेट पेमेंट सरर्चाज 18 फीसदी सालाना तक है और लॉकडाउन में डिस्कॉम्स पर इसका बुरा असर पड़ा है. ऊर्जा मंत्रालय ने यह कदम पावर डिस्ट्रिब्युशन कंपनियों पर फाइनेंशियल बोझ को कम करने के लिए उठाया है. मंत्रालय की तरफ से जारी एक बयान में यह भी कहा गया कि इससे ग्राहकों को भी लाभ मिल सकेगा.
मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया, 'पावर सिस्टम में फाइनेंशियल दबाव को कम करने के लिए सभी पावर जेनरेटिंग और ट्रांसमिशन कंपनियों को ऊर्जा मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि वो लेट पेमेंट सरचार्ज को 12 फीसदी प्रति वर्ष से ज्यादा न रखें. यह आत्मनिर्भर भारत के लिए PFC और REC के तहत सभी तरह के पेमेंट पर लागू होगा.' सामान्य तौर पर LPS के लिए देय रेट बहुत ज्यादा होता है. हाल के दिनों में देश में ब्याज दर कम होने के बावजूद भी यह सामान्य से ज्यादा है.
डिस्कॉम्स के लिए सरकार ने उठाए कई कदम
कोरोना वायरस महामारी ने पावर सेक्टर के सभी स्टेकहोल्डर्स के लिए परेशानियों को बढ़ा दिया है. इसमें सबसे बुरी तरह से डिस्कॉम्स पर ही प्रभाव पड़ा है. इससे निपटने और असर को कम करने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से कई तरह के कदम उठाए गए हैं. इनमें कैपेसिटी चार्ज में रियायत, पावर शेड्यूलिंग के लिए लेटर ऑफ क्रेडिट में राहत और लिक्विडिटी इनफ्युजन स्कीम शामिल है.
कैसे मिलेगी आम लोगों को राहत?
इनमें से एक कदम लेट पेमेंट सरचार्ज को लेकर भी है, जिसे पावर जेनरेटिंग कंपनियों और ट्रांसमिशन लाइसेंसी को डिस्कॉम्स द्वारा पेमेंट में देरी होने पर लगाया जाता है. इससे आम ग्राहकों के लिए पावर सप्लाई मेंटेन करने कठिन मौजूदा संकट की स्थिति में कम चार्ज देने से लाभ मिल सकेगा.