छत्तीसगढ़

कोविड-19: अस्पतालों को स्टैंड बाई मोड में रहने के निर्देश

Janta se Rishta
18 April 2020 6:57 AM GMT
कोविड-19: अस्पतालों को स्टैंड बाई मोड में रहने के निर्देश
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जसेरि रिपोर्टर . रायपुर। स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने कोविड-19 के इलाज के लिए माना में बनाए गए विशेषीकृत अस्पताल का निरीक्षण किया। उन्होंने यहां उपलब्ध तमाम सुविधाओं की जानकारी ली और कोरोना वायरस संक्रमितों के इलाज के लिए पूरी तरह तैयार रहने के निर्देश दिए। उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा राजधानी रायपुर के नजदीक माना स्थित सिविल अस्पताल को कोविड-19 के इलाज के लिए 100 बिस्तरों वाले विशेष अस्पताल के रूप में विकसित किया गया है। यहां 24 बिस्तरों का आईसीयू भी बनाया गया है। वेंटिलेटर्स सहित कोरोना वायरस संक्रमितों के हर तरह की इलाज की व्यवस्था यहां की गई है। कोरोना संक्रमित गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी की भी व्यवस्था यहां है। कोविड-19 के इलाज के दौरान बरती जाने वाली सभी सावधानियों और मानकों के साथ इस अस्पताल को तैयार किया गया है। अलग-अलग प्रवेश और निकास द्वार के साथ ही संक्रमितों के उपचार व देखभाल के बाद डॉक्टरों एवं अन्य मेडिकल स्टॉफ के डिसइन्फेक्शन की सभी व्यवस्थाएं अस्पताल में है। उपयोग किए गए पीपीई, मास्क, दस्तानों और अन्य सुरक्षात्मक उपायों को डिस्पोजल के पहले संक्रमणरहित करने की भी व्यवस्था यहां है।

एक और मरीज डिस्चार्ज, प्रदेश में अब 12 एक्टिव केस : कोरोना मरीजों को लेकर छत्तीसगढ़ से बड़ी राहत की खबर है। प्रदेश में संक्रमित मरीजों के स्वस्थ्य होने का सिलसिला लगातार जारी है। आज एक महिला की रिपोर्ट निगेटिव आयी है, जिसके बाद अब अस्पताल से उन्हें डिस्चार्ज किया जा रहा है। महिला के स्वस्थ्य होने के साथ ही प्रदेश में एक्टिव मरीजों की संख्या अब बस 12 रह गयी है। इससे पहले गुरुवार को भी 6 कोरोना पोजेटिव मरीजों को डिस्चार्ज किया गया था। पिछले 48 घंटे में प्रदेश के 11 कोरोना मरीज स्वस्थ्य होकर घर लौट चुके हैं। आज 27वर्षीय महिला की रिपोर्ट निगेटिव आयी है, जिन्हें घर भेजा जा
रहा है।

सरकार खरीदेगी 75 हजार रैपिड टेस्टिंग
किट, कोरियाई कंपनी से हुआ सौदा : छत्तीसगढ़ सरकार उच्च गुणवत्ता वाले रैपिड टेस्टिंग किट खरीदने जा रही है। यह जानकारी खुद स्वास्थ्य टीएस सिंहदेव ने ट्वीट कर दी है। सिंहदेव ने कहा कि भारत में स्थित एक दक्षिण कोरियाई कंपनी से ये किट खरीद रहे हैं। जो हमें बेंचमार्क मूल्य पर मिल रहा है। इस मूल्य पर कंपनी से 75 हजार किट खरीद रहे हैं। सिंहदेव ने बताया कि किट की जो मूल्य है, वह सबसे कम बोली लगाने वाला साबित हुआ है. हम जिस दर को बंद कर पाए हैं, वह भारत में सबसे कम है।
दिल्ली से मेडिकल किट और दवाएं लेकर आया विमान : राज्य सरकार ने केंद्र को पर्सनल प्रोटेक्शन किट की मांग भेजी है, इसकी आपूर्ति की जा रही है। इस किट को पहनने के बाद ही डॉक्टर या नर्सिंग स्टाफ कोरोना पेशेंट के बीच जाते हैं।
राज्य सरकार ने केंद्र को पर्सनल प्रोटेक्शन किट की मांग भेजी है, इसकी आपूर्ति की जा रही है। इस किट को पहनने के बाद ही डॉक्टर या नर्सिंग स्टाफ कोरोना पेशेंट के बीच जाते हैं। इससे पहले 3 बार एयर इंडिया का कार्गो विमान लेकर आ चुका है कोरोना के उपचार से जुड़ी चीजें।
प्रदेश में ज्यादातर संक्रमण युवाओं में, वायरस भी कमजोर इसलिए जल्दी ठीक हो रहे लोग : प्रदेश में ज्यादातर कोरोना पॉजिटिव एक सप्ताह के भीतर ही ठीक होकर घर चले गए। सबसे पहली कोरोना पॉजिटिव युवती का इलाज दो सप्ताह तक चला। लोगों के जल्दी ठीक होने की वजह क्या है इसकी जानकारी रायपुर एम्स के डायरेक्टर डॉ. नितिन नागरकर ने दी। उन्होंने कहा कि जो लोग जल्दी ठीक हुए वो युवा हैं, उनमें वायरस कमजोर था। जहां तक जल्दी ठीक होने वालों के फिर से संक्रमित होने की बात है, तो यह आशंका सही नहीं है क्योंकि देश के ज्यादा प्रभावित इलाकों में भी ऐसा केस कोई केस अब तक नहीं आया है।
फेफड़ों में इंफेक्शन नहीं : डॉ. नागरकर ने कहा कि यहां मरीजों में लक्षण कम थे, क्योंकि वायरल लोड कम था। ज्यादातर युवा थे। उन्हें कोई मल्टीपल बीमारी भी नहीं थी। अब तक प्रदेश में कोई भी मरीज गंभीर नहीं है। फेफड़े में इंफेक्शन नहीं मिल रहा है, जैसा यूरोपीय या अन्य देशों में हुआ, इस वजह से लोग जल्दी ठीक हो रहे। देश-विदेश में केवल 15 फीसदी मरीजों की मौत हो रही है। प्रदेश में यह जीरो है।
सार्क के डॉक्टरों ने एम्स के प्रयासों की सराहना की : दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) के विभिन्न देशों के साथ सहयोग बढ़ाने और उनके साथ स्वयं के अनुभव बांटने के उद्देश्य से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) रायपुर ने शुक्रवार को वेबीनार के माध्यम से सार्क देशों के 147 चिकित्सकों के साथ संवाद किया. केंद्रीय विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित वीडियों कान्फेसिंग में कोविड-19 के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए इस चुनौती का मुकाबला करने के लिए तकनीकी और चिकित्सकीय जानकारियां प्रदान की गई।
निदेशक प्रो. डॉ. नितिन एम. नागरकर ने वेबीनार के उद्घाटन सत्र में कोविड-19 की चीन के वुहान में शुरूआत से लेकर इसके फैलने और वर्तमान में दुनियाभर के देशों में चल रहे लॉकडाउन के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उनका कहना था कि 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में यह ढाई गुना अधिक हानिकारक है. विभिन्न सुरक्षा उपायों को अपनाकर इससे बचाव ही सबसे प्रभावकारी इलाज है. उन्होंने कोविड-19 के केसों की व्याख्या प्रस्तुत की और इससे बचने के लिए अपनाए जा रहे उपायों के बारे में बताया।

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