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क्या 'कालू' कहे जाने पर इशांत शर्मा से अभी भी नाराज है डैरेन सैमी?

Janta se Rishta
19 Aug 2020 12:26 PM GMT
क्या कालू कहे जाने पर इशांत शर्मा से अभी भी नाराज है डैरेन सैमी?
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान डैरेन सैमी के लिये इशांत शर्मा अब भी ‘भाई की तरह’ ही हैं और उन्हें इस भारतीय तेज गेंदबाज के खिलाफ कोई नाराजगी या गुस्सा नहीं है जो इंडियन प्रीमियर लीग के दौरान उन्हें मजाक में नस्ली रूप से आपत्तिजनक शब्द से पुकारते थे। सैमी ने आरोप लगाया था कि 2014 और 2015 में सनराइजर्स हैदराबाद के दौरान उन्हें अकसर ‘कालू’ (काला) के नाम से पुकारा जाता था और इस नस्लीय शब्द का मतलब उन्हें हाल में ही पता चला था।

इशांत शर्मा के अधिकारिक इंस्टाग्राम पेज पर लगायी हुई एक फोटो के ‘कैप्शन’ में वेस्टइंडीज के इस खिलाड़ी के लिये इस शब्द का उपयोग किया था और यह उनके आरोप का साक्ष्य भी है। नाराज सैमी ने शुरू में इसके लिये माफी की मांग की थी लेकिन बाद में उन्होंने नरमी दिखाते हुए बातचीत करने को कहा।

कैरेबियाई प्रीमियर लीग की उनकी फ्रेंचाइजी सेंट लुसिया जौक्स द्वारा करवाये गये साक्षात्कार में सैमी ने पीटीआई-भाषा से कहा,‘‘मुझे कोई नाराजगी नहीं है। मैंने इशांत शर्मा से बात की। मैं उन्हें अब भी उसी तरह भाई मानता हूं जैसा कि मैं 2014-2015 में सनराइजर्स हैदराबाद की ओर से खेलते हुए मानता था।’’

दो बार के टी20 विश्व कप विजेता पूर्व कप्तान ने स्पष्ट किया कि वह इशांत के मामले में आगे बढ़ गये हैं लेकिन अगर कोई भी इस शब्द का इस्तेमाल करता है तो वह इस पर सवाल पूछना नहीं छोड़ेंगे।

उन्होंने कहा,‘‘लेकिन अगर मुझे पता चला कि इस नस्ली शब्द का इस्तेमाल मेरे लिये फिर से किया जा रहा है तो जब भी मुझे पता चलेगा मैं इसके बारे में सवाल पूछूंगा और मैंने ऐसा ही किया था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने बात की और इसके बारे में आवाज उठायी और मैं इससे आगे बढ़ गया। इन मुद्दों से क्रिकेट जगत में बातचीत शुरू हो गयी। मुझे इसके बारे में बात करने से कोई पछतावा नहीं है।’’

वेस्टइंडीज में 232 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके सैमी अश्वेत लोगों के खिलाफ होने वाले नस्लवाद के खिलाफ काफी मुखर रहे हैं। उन्होंने कहा,‘‘मुझे लगता है कि मेरी मां ने मुझे इसी शिक्षा से साथ बड़ा किया है। आप जिन चीजों पर भरोसा करते हो, उनके खिलाफ आपको खड़ा होना चाहिए भले ही यह आपके खिलाफ अन्याय किया जा रहा हो या फिर आपके साथियों के खिलाफ। यह महज एक अभियान नहीं है क्योंकि अश्वेत लोगों का जीवन भी मायने रखता है।’’

सैमी ने कहा, ‘‘वर्षों से हमारे रंग के आधार पर हमारे साथ नस्ली रूप से भेदभाव किया जा रहा है। हमने बहुत कुछ सहा है।’

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