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इमरान खान को लगा झटका...FATF में ब्‍लैक लिस्‍ट होने पर बढ़ रहा पाकिस्‍तान, तड़प उठा चीन

Janta se Rishta
11 Sep 2020 10:10 AM GMT
इमरान खान को लगा झटका...FATF में ब्‍लैक लिस्‍ट होने पर बढ़ रहा पाकिस्‍तान, तड़प उठा चीन
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। इस्‍लामाबाद: फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ब्‍लैक लिस्‍ट से बचने के लिए हाथ पांव मार रहे पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को करारा झटका लगा है। एफएटीएफ से जुड़े दो विधेयकों को पाकिस्‍तानी संसद के उच्‍च सदन ने खारिज कर दिया है। इससे आतंकवाद को पाल रहे पाकिस्‍तान के ब्‍लैक लिस्‍ट होने का खतरा मंडराने लगा है। उधर, अपने आयरन ब्रदर को फंसता देख अब चीन भी तड़प उठा है।

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ ल‍िजिन ने कहा कि आतंकवाद सभी देशों के लिए एक चुनौती है और पाकिस्तान ने इसके खिलाफ लड़ते हुए बलिदान दिए हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इसका सम्मान करना चाहिए। चीन सभी तरह के आतंकवाद का विरोध करता है। दरअसल, अगले महीने एफएटीएफ की बैठक होनी है। इसमें पाकिस्‍तान के ब्‍लैक लिस्‍ट होने पर फैसला होना है।

इमरान सरकार दो विधेयकों को पारित नहीं करा पाई
FATF ने आतंकवाद को वित्तीय पोषण रोकने और मनी-लॉन्डरिंग के खिलाफ कदम उठाने को लेकर 27 बिंदुओं का ऐक्शन प्लान बनाया था। इसी के तहत इमरान सरकार कई बिल पारित करा रही है। उधर, व‍िपक्ष ने इमरान सरकार के इस प्रयासों को जोरदार झटका दिया है। विपक्ष ने संसद के उच्‍च सदन में इमरान सरकार के दो विधेयकों को पारित ही नहीं होने दिया। अब जैसे-जैसे एफएटीएफ के बैठक की तारीख नजदीक आ रही है, पाकिस्‍तान और उसके आका चीन की धड़कनें बढ़ती जा रही हैं।

इससे पहले जून में एफएटीएफ ने भारत में आतंकी हमलों को अंजाम देने वाले संगठनों को पालने वाले पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बरकरार रखा था। FATF ने कहा कि लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों को पहुंचने वाली फंडिंग पर नकेल नहीं कस पाया है। FATF का यह फैसला ऐसे वक्त में आया था जब अमेरिका ने अपनी रिपोर्ट में पाकिस्तान को भारत, अफगानिस्तान और श्रीलंका में आतंकी हमले करने वाले संगठनों के पलने की जगह बताया है। इस समय एफएटीएफ के अध्‍यक्ष चीन के शियांगमिन लिऊ हैं और पाकिस्‍तान को उम्‍मीद थी कि उनकी मदद से वह ग्रे लिस्‍ट से निकल जाएगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं।

27 बिंदुओं के प्लान पर नाकाम
FATF ने आतंकवाद को वित्तीय पोषण रोकने और मनी-लॉन्डरिंग के खिलाफ कदम उठाने को लेकर 27 बिंदुओं का ऐक्शन प्लान बनाया था और इसका पालन नहीं करने पर उसे ब्लैकलिस्ट में डाले जाने की भी आशंका थी। पाकिस्तान को पिछले साल अक्टूबर के बाद से दो बार यह एक्सटेंशन मिल चुका है। इस बार कोरोना वायरस महामारी का हवाला देते हुए FATF ने उन सभी देशों को ग्रे लिस्ट में ही रखने का फैसला किया जो पहले से इसमें शामिल थे। वहीं, जो देश ब्लैक लिस्ट में थे, वे भी उसी में रहेंगे। सभी देशों की टेरर फाइनैंसिंग और मनी लॉन्डरिंग की स्क्रूटिनी अक्टूबर 2020 तक जारी रखी जाएगी।

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