सीएम भूपेश बघेल का केंद्र पर हमला, लाखों मजदूरों की जिंदगी को नरक बना दिया
रायपुर। छत्तीसगढ़ में दूसरे प्रदेशों से अब तक 75 हजार मजदूर वापस आ चुके हैं। इन मजदूरों में 16 हजार मजदूर रेल मार्ग से और बाकी बचे 59 हजार मजदूर सड़क मार्ग से छत्तीसगढ़ लौटे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि केंद्र सरकार ने व्यवस्था की है कि दो राज्यों की सहमति के बाद ही ट्रेनें चलेगी, इसलिए देरी हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्नाटक से मजदूर को लाने की सहमति में 3 दिन का वक्त लग गया। यूपी में भी इसी तरह की देरी हुई, वहीं जम्मू-कश्मीर से सहमति के लिए 11 मई को ही पत्र भेजा गया है, लेकिन अभी तक सहमति मिली नहीं है। मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर केंद्र सरकार राज्यों से एंड टू एंड ट्रेनें चला देती तो अब तक लाखों मजदूर अपने घरों में पहुंच जाते। राहुल जी के प्रवासी श्रमिकों से बात करने पर आप तिलमिला उठे। उन्होंने तो उनका दु:ख बांटने की कोशिश की। उस पर आप कहते हैं कि उन्होंने उनका समय बर्बाद किया। आपने तो लाखों मजदूरों का जीवन बर्बाद कर दिया है। आपकी नाकामी की सजा लाखों श्रमिकों को सहनी पड़ रही है।
उन्होंने तीखा वार करते हुए कहा कि केंद्र सरकार की गलत नीतियों की वजह से मजदूर पैदल चलने को बाध्य हुए हैं। अगर केंद्र ने सही निर्णय लिया होता तो आज सैंकड़ों मजदूरों की मौत नहीं होती। राहुल गांधी के प्रवासी मजदूरों से बातचीत पर निर्मला सीतारमण के आये बयान पर वार करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार प्रवासी श्रमिकों से बात करने पर तिलमिला उठी है। उन्होंने तो उनका दु:ख बांटने की कोशिश की। उस पर आप कहते हैं कि उन्होंने उनका समय बर्बाद किया। निर्मला सीतारमण जी आपने तो लाखों मजदूरों का जीवन बर्बाद कर दिया है। आपकी नाकामी की सजा लाखों श्रमिकों को सहनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के रास्ते अधिकांश मजदूर बिहार, उड़ीसा, यूपी जा रही है, वो किराये के ट्रक से घर लौट रहे हैं। ये वो राज्य हैं, जहां भाजपा की सरकार है, अपने राज्यों में भी केंद्र सरकार ट्रेनों को नहीं चला पायी है। भूपेश बघेल ने कहा कि आप पूरे मामले में केंद्र सिर्फ ठीकरा दूसरे के सर पर फोडऩे का काम कर रही हैज्आपको शर्म आनी चाहिये, आपने लोगों की जिंदगी को नरक बना दिया है, इसे आपको स्वीकार करना होगा, जब आप ताली और थाली बजाने में देश में एकजुटता का दावा करते हैं, तो लाखों मजदूर जो सड़क पर चल रहे हैं, उसकी भी जिम्मेदारी आपको लेनी होगी।
छत्तीसगढ़ सरकार ने 43 विशेष ट्रेनों को दी मंजूरी : कोरोना वायरस के संक्रमण से सुरक्षा के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के श्रमिकों को वापस लाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा आज छह और विशेष ट्रेन की सहमति दी गई है। राज्य सरकार द्वारा इसके पूर्व 37 विशेष ट्रेनों की सहमति दी गई थी। इसे मिलाकर अब श्रमिकों को लाने के लिए 43 विशेष ट्रेनों की सहमति दे दी गई है। इन छह ट्रेनों में 19 मई को विजयवाड़ा आंध्रप्रदेश और हैदराबाद तेलंगाना से चांपा व्हाया दुर्ग, रायपुर, बिलासपुर आएगी। 20 मई को बिलासपुर से भाटापारा रायपुर दुर्ग होते हुए हरिद्धार उत्तराखण्ड के लिए ट्रेन रवाना होगी। जम्मू से बिलासपुर चांपा ट्रेन 20 या 21 मई को आना संभावित है। 22 मई को देहरादून, हरिद्धार, उत्तराखण्ड, से रायपुर, दुर्ग, भाटापारा ट्रेन और जम्मू से बिलासपुर ट्रेन 22 या 23 मई को पहुंचना संभावित है।
जम्मू कश्मीर में फंसे छत्तीसगढ़ के श्रमिकों के लिए 2 ट्रेनों की मिली अनुमति : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर लॉकडाउन में जम्मू कश्मीर में फंसे हुए छत्तीसगढ़ के श्रमिकों के लिए दो ट्रेनों की अनुमति मिल गई है। ये श्रमिक स्पेशल ट्रेन जम्मू से बिलासपुर-चांपा चलेंगी। पहली ट्रेन 20 या 21 मई को यहां पहुंचने की संभावना है इसी तरह दूसरी ट्रेन 22 या 23 मई को आएगी। जम्मू कश्मीर में फंसे श्रमिकों के लिए ख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने 3 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के संचालन की अनुमति प्रदान की थी। इस संबंध में प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आर.पी. मण्डल ने 12 मई को जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर राज्य शासन के निर्णय से अवगत कराते हुए छत्तीसगढ़ के इन श्रमिकों को वापस लाने के लिए ट्रेनों के संचालन के लिए अनुमति मांगी थी जिस पर जम्मू-कश्मीर शासन से अनुमति के पश्चात् दो श्रमिक स्पेशल ट्रेन प्रस्तावित की गई है।