अक्टूबर से बच्चों का होगा ऑनलाइन मूल्यांकन, शिक्षकों को मिलेगा गोल्ड प्रमाणपत्र
रायपुर (जसेरि)। सरकारी स्कूल के पहली से 12वीं तक के विद्यार्थियों का एक अक्टूबर से ऑनलाइन मूल्यांकन शुरू होगा। कोरोना संक्रमण के समय संचालित ऑनलाइन और ऑफलाइन शैक्षणिक गतिविधियों में संलग्न विद्यार्थियों की उपलब्धियों का ऑनलाइन मूल्यांकन किया जाएगा। इसमें बेहतर कार्य करने वाले शिक्षकों को भी गोल्ड प्रमाणपत्र मिलेगा। स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने इस संबंध में सभी जिला कलेक्टरों और जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं।
ऑनलाइन करेंगे एंट्री : जारी निर्देश में कहा गया है कि राज्य के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों ने स्वेच्छा और स्वप्रेरणा से लगातार ऑनलाइन और ऑफलाइन शैक्षणिक गतिविधियों का संचालन पूरे राज्य में किया। इसकी प्रशंसा की पूरे देश में हो रही है। इन गतिविधियों में शामिल बच्चों की शैक्षणिक उपलब्धियों का मूल्यांकन किया जाए, ताकि योजनाओं की वास्तविक सफलता का आकलन किया जा सके, साथ ही इसमें सुधार की योजना भी बनाई जाए। इसके लिए ़इबयजबर्र्रन.ैह और इन योजनाओं में शिक्षा ग्रहण करने वाले सभी बच्चों के नामों की एंट्री कर उन्हें पढ़ाने वाले शिक्षकों द्वारा उनकी शैक्षणिक उपलब्धियों की एंट्री करने का प्रावधान किया गया है। संबंधित अधिकारियों से कहा गया है कि स्वेच्छा से शिक्षा देने वाले सभी शिक्षकों को इस संबंध में जानकारी दी जाए। बच्चों के नामों और मूल्यांकन की एंट्री करने के संबंध में ऑनलाइन प्रशिक्षण राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद द्वारा शीघ्र आयोजित किया जाएगा। मूल्यांकन की एंट्री अक्टूबर माह से प्रारंभ होगी और प्रतिमाह की जाएगी।
100 बच्चों का मूल्यांकन करने पर मिलेगा सम्मान
निर्देश में बताया गया है कि विभाग ने यह निर्णय लिया है कि जो शिक्षक लगातार 100 या अधिक बच्चों का मूल्यांकन जनवरी माह तक करेंगे उन्हें प्लैटिनम प्रशंसा प्रमाणपत्र से सम्मानित किया जाएगा। 75 से 100 बच्चों का लगातार मूल्यांकन करने वाले शिक्षकों को गोल्ड प्रशंसा प्रमाणपत्र, 50 से 75 बच्चों का लगातार मूल्यांकन करने वालों को सिल्वर प्रशंसा प्रमाणपत्र, 25 से 50 बच्चों का लगातार मूल्यांकन करने वालों को ब्रांज प्रशंसा प्रमाणपत्र और 10 से 20 बच्चों का लगातार मूल्यांकन करने वाले शिक्षकों को साधारण प्रशंसा प्रमाणपत्र दिया जाएगा। यह प्रमाण पत्र फरवरी के प्रथम सप्ताह में जनवरी तक किए गए कार्य के लिए दिया जाएगा। विभिन्ना जिलों, विकासखंडों और संकुलों के बीच एक प्रकार की प्रतिस्पर्धा होगी और बच्चों की शैक्षणिक प्रगति के आधार पर फरवरी माह में प्रमाणपत्र दिए जाएंगे।
मूल्यांकन की एंट्री अक्टूबर से प्रारंभ होगी और प्रतिमाह की जाएगी, जिसमें बच्चों की शैक्षणिक प्रगति का आकलन भी किया जाएगा।
-डॉ. आलोक शुक्ला,
प्रमुख सचिव, स्कूल शिक्षा छत्तीसगढ़