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केन्द्रीय कानून राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल को दिए गए Z कैटेगरी सुरक्षा वापस

Deepa Sahu
15 March 2022 1:19 PM GMT
केन्द्रीय कानून राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल को दिए गए Z कैटेगरी सुरक्षा वापस
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केन्द्रीय कानून राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल (SP Singh Baghel) की सुरक्षा वापस ले ली गई है.

केन्द्रीय कानून राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल (SP Singh Baghel) की सुरक्षा वापस ले ली गई है. गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने उन्हें उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election) के समय Z कैटेगरी की सुरक्षा दी थी. कानून राज्य मंत्री को बीजेपी ने करहल से अखिलेश यादव के खिलाफ चुनाव लड़ाया था. हालांकि अखिलेश यादव ने उन्हें 67504 वोटों से हरा दिया. उन्हें 10 मार्च तक ही Z कैटेगरी की सुरक्षा दी गई गई थी. एसपी सिंह बघेल की सुरक्षा उनके काफिले पर हमले के बाद बढ़ाई गई थी. इससे पहले बघेल को Y प्लस श्रेणी सुरक्षा मिली हुई थी.

विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा प्रत्याशी एसपी सिंह बघेल प्रचार करके लौट रहे थे, इसी दौरान अतीकुल्लापुर गांव के पास पत्थरों और लाठियों से उनके काफिले पर हमला कर दिया गया था. बताया जाता है कि पहले से घात लगाए लोगों ने खेतों से उनके काफिले पर ईंट-पत्थर की बारिश कर दी और फिर वहां से फरार हो गए. इस हमले में मंत्री को कुछ नहीं हुआ था, लेकिन गाड़ियों को काफी नुकसान पहुंचा था. इस घटना के बाद भाजपा ने चुनाव आयोग का भी दरवाजा खटखटाया था.
एसपी सिंह बघेल आगरा से हैं सांसद
एसपी सिंह बघेल इस वक्त भाजपा में हैं. वह आगरा से सांसद और केंद्र में कानून एवं न्याय मंत्रालय में राज्य मंत्री हैं. लेकिन एक समय में ये उत्तर प्रदेश पुलिस में उपनिरीक्षक भी हुआ करते थे. जब समाजवादी पार्टी के तत्कालीन मुखिया मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तो उनकी सुरक्षा में तैनात रहे. फिर नौकरी छोड़ राजनीति में आ गए. हालांकि, एसपी सिंह बघेल के राजनीति की संक्षिप्त शुरुआत बहुजन समाज पार्टी से हुई. लेकिन यह लंबा नहीं चला और जल्द ही वो सपा में शामिल हो गए और काफी समय तक टिके रहे.
बघेल ने मुलायम सिंह से सीखीं राजनीति की बारीकियां
समाजवादी पार्टी में रहते हुए एसपी सिंह बघेल ने मुलायम सिंह से राजनीति की बारीकियां सीखीं. मुलायम सिंह यादव से न केवल राजनीति का दांव-पेच समझा, बल्कि सपा के टिकट पर जीतकर 1998, 1999, 2004 में लोकसभा भी पहुंचे. लेकिन 2010 आते-आते उनकी सपा से तकरार हो गई तो वापस बसपा की तरफ मुड़ गए. हालांकि, उनकी यहां दूसरी पारी भी संक्षिप्त ही रही और 2014 में वे भाजपा में आ गए. भाजपा के टिकट पर पहले 2017 में टूंडला से विधानसभा चुनाव जीते और फिर 2019 में आगरा से लोकसभा चुनाव में भी जीत दर्ज की.
एसपी सिंह बघेल को भाजपा ने पांच साल में तीन बार लड़ाया चुनाव
एसपी सिंह बघेल का कद सियासत में अब काफी बड़ा हो गया है. भाजपा ने उन्हें 5 साल के भीतर तीन बार चुनावी मैदान में उतारा. इस बार के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने उन्हें करहल सीट से समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश चुनाव के खिलाफ मैदान में उतारा था. लेकिन बघेल को हार का सामना करना पड़ा. अखिलेश ने यह सीट सोच-समझकर चुना था. करहल से ही उनके पिता मुलायम सिंह यादव ने 1955 से 1963 तक पढ़ाई की थी.
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