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युवा किसान की हत्या की आशंका, प्रदर्शन के दौरान हुई थी मौत

Nilmani Pal
29 Feb 2024 1:34 AM GMT
युवा किसान की हत्या की आशंका, प्रदर्शन के दौरान हुई थी मौत
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केस दर्ज

दिल्ली। MSP और अन्य मांगों को लेकर किसानों के प्रदर्शन के दौरान पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर शुभकरण नाम के एक युवा किसान की मौत हो गई थी. अब इस मामले में पंजाब पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. पुलिस ने हत्या और अपराध के लिए उकसाने को लेकर मामला दर्ज किया है.

जानकारी के मुताबिक शुभकरण का पोस्टमार्टम पटियाला के डॉक्टर्स की टीम द्वारा किया जा रहा है. शुभकरण का शव गुरुवार सुबह पटियाला से बठिंडा में उसके गांव बल्लो पहुंचेगा, जहां उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा. शुभकरण के परिवार वालों ने पंजाब सरकार के सामने मांग रखी थी कि जब तक भगवंत मान सरकार शुभकरण के हत्‍यारों को सजा नहीं देगी, तब तक उसका अंतिम संस्‍कार नहीं किया जाएगा.

शुभकरण सिंह 2 साल पहले जब दिल्ली में किसान आंदोलन हुआ था तो उसमें भी किसान यूनियन की तरफ से शामिल हुआ था. भारतीय किसान एकता सिद्धपुर यूनियन से ताल्लुक रखने वाला शुभकरण सिंह बीती 13 फरवरी को दिल्ली की तरफ किसानों के साथ कूच करते हुए खनौरी बॉर्डर पर पहुंचा था. शुभकरण सिंह की उम्र करीब 22 साल थीं. वह दो बहनों का एकलौता भाई था, जिनके पिता चरणजीत सिंह स्कूल वैन ड्राइवर हैं और मां की पहले ही मौत हो चुकी है. शुभकरण सिंह के पास खुद की साढे 3 एकड़ जमीन है. इसके अलावा उन्होंने कुछ जानवर भी पाले हुए थे. शुभकरण के पीछे अब उसके पिता , दादी और दो बहनें हैं. एक बड़ी बहन की शादी हो चुकी है. जबकि दूसरी छोटी बहन की शादी का जिम्‍मा शुभकरण पर ही था.

कांग्रेस ने शुभकरण की मौत के लिए बीजेपी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है.कांग्रेस के अध्‍यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक्‍स (ट्विटर) पर लिखा कि खनौरी बॉर्डर पर बठिंडा के युवा किसान शुभकरण सिंह की फ़ायरिंग से मृत्यु बेहद पीड़ादायक है. उन्‍होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने अब तक 750 किसानों की जान ले ली है. पंजाब के किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेतिहर मजदूरों के लिए पेंशन, बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं करने, पुलिस के द्वारा दर्ज किए गए मामलों को वापस लेने और 2021 की लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए 'इंसाफ', भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 की बहाली और साल 2020-21 में हुए किसान आंदोलन दौरान मरने वाले किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं.


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