गोरक्षपीठाधीश्वर की अगुवाई वाली परंपरागत शोभायात्रा में हर वर्ग के लोग तो शामिल होते ही हैं, इसका अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों द्वारा भव्य स्वागत भी किया जाता है। वास्तव में विजयादशमी का पर्व गोरक्षपीठ की विशिष्टता और इसके ध्येय की व्यापकता के एक बड़े फलक पर अवलोकन करने का भी अवसर होता है। गोरखनाथ मंदिर की विजयादशमी शोभायात्रा इसलिए भी आकर्षक और अनूठी होती है कि अल्पसंख्यक समुदाय के लोग भी इसके स्वागत के लिए गोरखनाथ मंदिर के मुख्य द्वार से थोड़ी दूरी पर घंटों पहले फूलमाला लेकर खड़े रहते हैं।
गोरक्षपीठ की परंपरा के अनुसार इस वर्ष भी विजयादशमी के दिन शनिवार सायंकाल गोरखनाथ मंदिर से गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ की शोभायात्रा धूमधाम से निकाली जाएगी। विजयादशमी पर गोरक्षपीठाधीश्वर नाथपंथ की परंपरा के अनुसार विशेष परिधान में होते हैं। पीठाधीश्वर, गुरु गोरखनाथ का आशीर्वाद लेकर अपने वाहन पर सवार होंगे। तुरही, नगाड़े और बैंड बाजे की धुन के बीच शोभायात्रा मानसरोवर मंदिर पहुंचेगी।
यहां पहुंचकर गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ गोरक्षपीठ से जुड़े मानसरोवर मंदिर पर देवाधिदेव महादेव की पूजा-अर्चना करेंगे। इसके बाद उनकी शोभायात्रा मानसरोवर रामलीला मैदान पहुंचेगी। यहां चल रही रामलीला में वह प्रभु श्रीराम का राजतिलक करेंगे। इसके साथ ही प्रभु श्रीराम, माता जानकी, लक्ष्मण और हनुमानजी का पूजन कर आरती भी उतारी जाएगी। रामलीला मैदान में गोरक्षपीठाधीश्वर और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संबोधन भी होगा। विजयादशमी के दिन मंदिर परिसर के सभी देव विग्रहों की पूजा की जाएगी। इसके बाद गोरखनाथ मंदिर में होने वाले पारंपरिक तिलकोत्सव कार्यक्रम में गोरक्षपीठाधीश्वर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देंगे। सायंकाल विजयादशमी शोभायात्रा निकाली जाएगी। देर शाम को गोरखनाथ मंदिर में परंपरागत भोज का भी आयोजन होगा, जिसमें अमीर-गरीब और जाति-मजहब से परे बड़ी संख्या में सर्वसमाज के लोग शामिल होंगे।