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हरिद्वार: हरिद्वार में धर्म संसद के आयोजक और हेट स्पीच मामले में जमानत पर रिहा हुए गाजियाबाद के डासना मंदिर के पुजारी यति नरसिंहानंद गिरी ने सार्वजनिक जीवन को छोड़ने की घोषणा की है. उन्होंने वीडियो जारी कर रहा है कि वे अपनी पुरानी गलतियों के लिए माफी मांगते हैं.
जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर और डासना मंदिर के पुजारी यति नरसिंहानंद गिरी ने हरिद्वार में वीडियो जारी कर कहा कि वो अपना सार्वजनिक जीवन छोड़ रहे हैं और आज से उनका नया जीवन शुरू हो रहा है. वे अपने पुराने जीवन की गलतियों के लिए क्षमा मांगते हैं.
यति नरसिंहानंद ने कहा कि वे यहां जितेंद्र त्यागी उर्फ वसीम रिजवी को लेने आए थे, लेकिन वह उनके आने से पहले ही रिहा होकर जा चुके हैं, उनकी रिहाई हो चुकी है. उन्होंने बताया कि उनका और हमारा साथ यहीं तक था. मेरी वजह से वो चार महीने से अधिक समय जेल में रहे, जबकि उनका कोई दोष नहीं था. उन्होंने केवल सच बोला था. मैं इसके लिए स्वयं को जिम्मेदार मानता हूं. उन्होंने कहा कि मैंने अपना पूरा जीवन इस्लामिक जिहाद से लड़ने में लगाया और अब शेष जीवन मां और महादेव के यज्ञ व योगेश्वर के प्रचार में लगाना चाहता हूं. आज से मेरा जीवन सार्वजनिक जीवन नहीं है.
बता दें कि यति नरसिंहानंद गिरी हमेशा एक समुदाय के खिलाफ भड़काऊ और विवादित बयानों के लिए चर्चा में बने रहते हैं. उन्होंने ही वसीम रिजवी का धर्म परिवर्तन कराया था. इसके अलावा यति नरसिंहानंद हरिद्वार में धर्म संसद के आयोजक भी रहे हैं, जिसमें एक समुदाय के खिलाफ भड़काऊ नारेबाजी की गई थी.
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