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यहां का है मामला.
गुजरात के सूरत में मंदिर तोड़े जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. लोग भारी विरोध कर रहे हैं. दरअसल, सूरत शहर के कापोद्रा इलाक़े में विकास की राह में रोड़ा बने वर्षों पुराने रामदेवपीर मंदिर को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित सूरत महानगर पालिका के अधिकारियों ने ध्वस्त कर दिया.
तस्वीरें सूरत शहर के कापोद्रा इलाक़े की है, जहां सूरत महानगर पालिका के अधिकारी दल-बल के साथ यहां मौजूद वर्षों पुराने मंदिर को ध्वस्त करने पहुंचे थे. मंदिर को ध्वस्त किए जाने की ख़बर मिलते ही स्थानीय लोग जमा हो गए और मंदिर को तोड़े जाने का विरोध शुरू किया था.
लेकिन सूरत महानगर पालिका के अधिकारी पुलिस बल को भी बड़ी संख्या में अपने साथ लाए थे, जिन लोगों ने मंदिर तोड़ने का विरोध शुरू किया, उन तमाम लोगों को पुलिस ज़बरन पकड़-पकड़ कर पुलिस वैन में बैठाने लग गई, जिसकी ये तस्वीरें भी गवाह बनी है.
वाल्मिकी समाज के आराध्या बाबा रामदेवपीर के वर्षों पुराने इस मंदिर पर भाजपा शासित सूरत महानगर पालिका का बुल्डोजर जन विरोध के बावजूद भी चल गया.
पीढ़ियों से इस मंदिर में पूजापाठ करते आ रहे पुजारी मधुभाई मावजी भाई गरनियां मनपा अधिकारियों के सामने रोते-बिलखते रहे.
लेकिन उनके आंसुओं का मनपा या पुलिस अधिकारियों पर कोई असर नहीं हुआ और मंदिर को ज़मींदोज कर दिया गया. मंदिर तोड़ने की कार्यवाही को लेकर हिंदू संगठन और सोशल मीडिया पर लोगों की भारी नाराज़गी देखने को मिल रही है.
लोग सवाल कर रहे हैं कि यही मंदिर किसी ग़ैर भाजपा वाली सरकार में टूटा होता तो भाजपा देश भर में आंदोलन छेड़ देती, लेकिन मंदिर तो ख़ुद भाजपा शासित राज्य में तोड़ा गया है, इसलिए भाजपा उफ़ तक नहीं करेगी.
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