बहादुरगढ़। बहादुरगढ़ की 18 वर्षीय यशिका लोहचब का चयन भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर हुआ है। याशिका लोहचब की इस उपलब्धि से क्षेत्र में उत्साह का माहौल है। बहादुरगढ़ से विधायक राजेंद्र सिंह जून ने यशिका की इस उपलब्धि पर उसे शुभकामनाएं दी और देश सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहने के लिए भी प्रेरित किया। यशिका के दादा और परदादा भी भारतीय सेना में रहकर देश की रक्षा कर चुके हैं। यशिका सेकंड वर्ल्ड वॉर के दौरान दुश्मनों से लोहा लेने वाले कैप्टन देशराम की परपोती है।
18 वर्षीय यशिका लोहचब मूल रूप से बहादुरगढ़ के बुपनिया गांव की रहने वाली हैं। फिलहाल उनका परिवार शहर के देव नगर में रहता है। यशिका का परिवार पिछली पांच पीढियों से भारतीय सेने में भर्ती होकर देश सेवा कर रहा है। परदादा कैप्टन देशराम सेकेंड जाट रेजिमेंट में थे और दूसरे विश्व युद्ध के दौरान वे बंदी भी बना लिए गए थे। उनकी बहादुरी के किस्सों की चर्चा उनके घर और आसपास के क्षेत्र में खूब होती रहती थी। इन्हीं किस्सों से प्रेरणा लेकर यशिका लोहचब ने सेना में जाने का मन बनाया। इसके लिए उसने जीतोड़ मेहनत की और अब लेफ्टिनेंट के पद पर चयनित हुई है। यशिका के दादा बलजीत सिंह लोहचब भी 8 जाट रेजिमेंट में सेवाएं देकर ऑनरेरी कैप्टन के पद पर रिटायर हुए थे।
यशिका के पिता देवेंद्र लोहचब को भी अपनी बेटी पर नाज है। उन्होंने बताया कि याशिका का बचपन से ही सपना सेना में भर्ती होने का था। उसने अपनी 12वीं तक की पढ़ाई शहर के सेंचुरी पब्लिक स्कूल से की है। एनडीए की परीक्षा पास करने के लिए उसने 2 साल दिल्ली में तैयारी भी की। और अब वे अपना लक्ष्य हासिल करने में सफल हुई है। पिता देवेंद्र पेशे से शिक्षक हैं। उन्हें अपनी बेटी पर खूब नाज है। उनका मानना है कि भगवान ऐसी बेटियां सबको दे जो बड़ी होकर परिवार का मान सम्मान बढ़ा सकें।
बहादुरगढ़ से विधायक राजेंद्र जून का कहना है कि हरियाणा की बेटियां किसी से काम नहीं है। अब भारतीय सेना भी पूरी तरह से आधुनिक हो चुकी है। जहां सैनिकों और अफसर को पूरा मान सम्मान मिलता है और देश के लिए प्राण न्योछावर करने वाले दिलेर सैनिक तैयार किए जाते हैं। उन्होंने यशिका की उपलब्धि पर उन्हें शुभकामनाएं दी और भविष्य में हर मोर्चे पर सफल होने का आशीर्वाद भी दिया।