भारत

वाह मंत्री जी...! संक्रमित होकर खुद अस्पताल में लगाया पोछा, सोशल मीडिया पर लोग हुए कायल

jantaserishta.com
15 May 2021 9:54 AM GMT
वाह मंत्री जी...! संक्रमित होकर खुद अस्पताल में लगाया पोछा, सोशल मीडिया पर लोग हुए कायल
x
सोशल मीडिया पर लोगों ने बांधे तारीफों के पुल...

आइजोल. सोशल मीडिया (Social Media) पर अस्पताल के फर्श पर पोछा लगाते हुए एक कोविड मरीज की तस्वीर वायरल हो रही है. दरअसल, यह कोई आम फोटो नहीं है. इसमें सफाई करते दिख रहे शख्स मिजोरम सरकार में मंत्री आर लालजिर्लियाना (R Lalzirliana) हैं. वे कोविड संक्रमित होने के बाद अस्पताल में भर्ती हुए थे. फोटो वायरल होने के बाद हर कोई भारत के इस राजनेता की तारीफों के पुल बांध रहा है. मंत्री ने भी वीआईपी कल्चर को ताक में रखकर जनसेवा का कर्तव्य निभाया है.

71 साल के लालजिर्लियाना मिजोरम सरकार में विद्युत मंत्री हैं. फोटो में नजर आ रहा है कि अस्पताल की गाउन पहने हुए हैं और हाथ में पोछा लेकर अस्पताल के वार्ड की जमीन साफ कर रहे हैं. अस्पताल का नाम जोराम मेडिकल कॉलेज बताया जा रहा है. मंत्री अभी भी बीमारी के कारण अस्पताल में रहकर अपना इलाज करा रहे हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस फोटो के वायरल होने के बाद मंत्री ने कहा कि उनका मकसद अस्पताल स्टाफ के शर्मिंदा करना नहीं था. लालजिर्लियाना ने स्थानीय मीडिया को बताया कि उन्होंने सफाईकर्मी को वॉर्ड की सफाई के लिए बुलाया था. अब जब कर्मी ने उनकी बात पर प्रतिक्रिया नहीं दी, तो उन्होंने खुद ही फर्श साफ करने का फैसला किया.
सोशल मीडिया पर लोगों ने बांधे तारीफों के पुल-
उन्होंने कहा, 'झाड़ू, पोछा लगाना या घर के काम करना मेरे लिए नया नहीं है. मैं ये काम घर पर या जहां जरूरत होती थी, वहां भी करता था.' उन्होंने यह साफ किया है कि मंत्री होने के चलते वे खुद को किसी और से ऊपर नहीं रख सकते हैं. उन्होंने कहा, 'फर्श पर पोछा लगाने से मेरा मकसद नर्स या डॉक्टर को शर्मिंदा करना नहीं था, बल्कि मैं एक मिसाल कायम कर लोगों को सीख देना चाहता था.'
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि दो दिनों तक मिनी ICU में रहने के बाद उनका स्वास्थ्य ठीक है और उन्होंने किसी तरह की वीआईपी ट्रीटमेंट नहीं लिया था. उन्होंने कहा, 'हम यहां ठीक हैं. मेडिकल स्टाफ और नर्स हमारी अच्छी देखभाल कर रही हैं.' स्थानीय रिपोर्ट्स क मुताबिक, मंत्री उनकी पत्नी और बेटा पहले होम आइसोलेशन में थे, लेकिन 12 मई को ऑक्सीजन स्तर में कमी आने के कारण उन्हें अस्पताल में दाखिल कराया गया था.
Next Story