भारत
चिंताजनक! नशीली गोलियों के लिए नया बाजार बन सकता है भारत, जानिए सुरक्षा एजेंसियों ने क्यों दी ये चेतावनी
jantaserishta.com
16 Dec 2020 2:56 AM GMT
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फाइल फोटो
सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट चिंता बढ़ाने वाली है। याबा नामक ड्रग्स की गोलियों की तस्करी फेंसिडाइल कफ सिरप से दोगुनी से अधिक हो गई है। यह सब बांग्लादेश से लगने वाली देश की उत्तरी सीमा के जरिए हो रहा है। सुरक्षा एजेंसियों को इस नई चुनौती से निपटने के लिए नए तरीके खोजने पर विवश होना पड़ा है।
रिपोर्ट के अनुसार नशा करने के आदी लोगों के बीच पैठ बनाने में नहीं लगेगी देर
मादक पदार्थ याबा की गोलियों को क्रेजी मेडिसिन भी कहा जाता है। रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में भारत में इन लाल रंग की गोलियों की तस्करी बहुत ही आसानी से हो रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जिस प्रकार इस नशीली दवा की भारत में आपूर्ति हो रही है, उससे लगता है कि याबा को देश के नशा करने के आदी लोगों के बीच पैठ बनाने में देर नहीं लगेगी। रिपोर्ट के अनुसार, याबा की बढ़ी मांग के चलते फेंसिडाइल कफ सिरप की तस्करी में शामिल लोग अब इन गोलियों की तस्करी कर रहे हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि पिछले दो साल में याबा की बड़ी खेप पकड़ी गई है। जिसके बाद सीमा पार से इसकी तस्करी और देश के भीतर इन गोलियों के इस्तेमाल के संबंध में मादक पदार्थ रोधी एजेंसियों की चिंताएं बढ़ गई हैं।
पिछले साल 7.22 लाख याबा गोलियां जब्त
बीएसएफ के आंकड़ों के अनुसार, भारत बांग्लादेश सीमा पर पिछले साल 7.22 लाख याबा की गोलियां जब्त की गईं। इस दौरान इसकी तुलना में फेंसिडाइल कफ सिरप की 3.08 लाख बोतलें बरामद की गईं। इस साल नवंबर तक सीमा सुरक्षा बल ने 6.65 लाख से ज्यादा याबा की गोलियां जब्त की हैं। इससे पहले के वर्षो में फेंसिडाइल की तस्करी की घटनाएं याबा से हमेशा अधिक होती थीं।
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