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विश्व स्वास्थ्य संगठन : दुनिया को कोरोना के बी.1.617 स्ट्रेन के सिर्फ डेल्टा वैरिएंट से खतरा
Apurva Srivastav
2 Jun 2021 5:43 PM GMT
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कोरोना के बी.1.617 स्ट्रेन का बी.1.617.2 वैरिएंट ही अब चिंता का विषय (वैरिएंट आफ कंसर्न-वीओआइ) है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization, WHO) ने कहा है कि कोरोना के बी.1.617 स्ट्रेन का बी.1.617.2 वैरिएंट ही अब चिंता का विषय (वैरिएंट आफ कंसर्न-वीओआइ) है। इसे डेल्टा वैरिएंट नाम दिया गया है। डेल्टा वैरिएंट के दुनियाभर में लगातार तेजी से फैलने के मामले सामने आ रहे हैं जिसकी वजह से डब्ल्यूएचओ इससे चिंतित है और इसके संबंध में लगातार अध्ययन कर रहा है।
डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि दो अन्य वैरिएंट बी.1.617.1 और बी.1.617.3 की संक्रमण दर अब काफी कम हो गई है। बता दें कि बी.1.617 को 11 मई को वैश्विक चिंता का वैरिएंट घोषित किया गया था। यह सबसे पहले भारत में मिला था। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक एक जून तक कोरोना का डेल्टा वैरिएंट दुनिया के 62 देशों में फैल चुका है।
इसके अलावा बी.1.617.1 यानी कापा वैरिएंट की वैश्विक स्तर पर संक्रमण दर में कमी के बाद भी कुछ जगहों पर भी आंशिक बढ़ोतरी दिखी है, जिसकी वजह से इसकी भी निगरानी की जा रही है। इसे वैरिएंट ऑफ इंट्रेस्ट (वीओआइ) के तौर पर वर्गीकृत किया गया है। वहीं, बी.1.617.3 को न तो वीओआइ माना गया है न वीओसी, क्योंकि इससे संक्रमण के बेहद कम मामले देखने को मिले हैं।
सोमवार को डब्ल्यूएचओ ने कोरोना के अलग-अलग रूपों को ग्रीक गिनती के आधार पर अल्फा, बीटा, गामा आदि नाम दिए ताकि इन्हें याद रखना और बोलना आसान हो। साथ ही नामकरण करते इस बात का भी ध्यान रखा गया है कि जहां ये वैरिएंट पहली बार मिले हैं, उन स्थानों से इनका नाम नहीं जोड़ा जाए। खास बात यह है कि ये ग्रीक नाम वैरिएंट के वैज्ञानिक नामों की जगह नहीं लेंगे, क्योंकि वैज्ञानिक नजरिये से पहले तय किए गए कोड नाम बेहद महत्वपूर्ण हैं और उनमें कई जरूरी जानकारियां हैं।
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