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आज विश्व एड्स दिवस, इससे हो रही मौत के आंकड़े चौकाने वाले

Nilmani Pal
1 Dec 2022 1:50 AM GMT
आज विश्व एड्स दिवस, इससे हो रही मौत के आंकड़े चौकाने वाले
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साल के आखिरी महीने का पहला दिन. यानी 1 दिसंबर. यानी विश्व एड्स दिवस. ये दिन इसलिए मनाया जाता है ताकि लोगों को एड्स को लेकर जागरूक किया जा सके. एड्स का कारण है एचआईवी या ह्यूमन इम्युनोडिफेशिएंसी वायरस. ये वायरस शरीर के इम्युन सिस्टम पर हमला करता है और उसे इतना कमजोर कर देता है कि शरीर दूसरा कोई संक्रमण या बीमारी झेलने के काबिल नहीं बचता.

HIV ऐसा वायरस है, जिसका समय पर अगर इलाज नहीं किया गया तो ये आगे चलकर AIDS की बीमारी बन जाता है. इसका अभी तक कोई पुख्ता इलाज नहीं है, लेकिन कुछ दवाओं के सहारे वायरल लोड को कम किया जा सकता है, जिससे शरीर का इम्युन सिस्टम मजबूत बना रहता है.

HIV का पता तो 1981 में ही चल गया था, लेकिन भारत में इसका पहला मामला 1986 में सामने आया था. तब चेन्नई की रहने वालीं कुछ सेक्स वर्कर्स में इस संक्रमण की पुष्टि हुई थी. उस समय तक दुनिया के कई देशों में HIV पहुंच चुका था और भारत में भी इसकी एंट्री हो गई थी. HIV के संक्रमण के मामले में भारत दुनिया में दूसरे नंबर पर है. इसी साल मध्य प्रदेश के रहने वाले एक्टिविस्ट चंद्र शेखर गौर ने एक RTI दायर की थी, जिसके जवाब में नेशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (NACO) ने बताया है कि 10 साल में भारत में 17 लाख से ज्यादा लोग असुरक्षित यौन संबंधों के कारण HIV की चपेट में आए हैं. NACO के मुताबिक, 2011 से 2021 के बीच 15,782 लोग ऐसे हैं जो संक्रमित खून के जरिए HIV पॉजिटिव हुए हैं. जबकि 4,423 बच्चे माओं के जरिए संक्रमित हुए हैं.

HIV से संक्रमित होने का सबसे बड़ा कारण असुरक्षित यौन संबंध है. कई मामलों में संक्रमित खून के संपर्क में आने से भी संक्रमण हो जाता है. वहीं, बच्चों में ये संक्रमण उनकी मांओं से आ जाता है. इस वायरस को दुनिया में आए 40 साल से ज्यादा समय हो चुका है, लेकिन अब तक इसका कोई ठोस इलाज नहीं है. इससे संक्रमित लोगों को एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी (ART) दी जाती है, जिससे वायरल लोड कम होता है. अगर समय पर इलाज हो जाए तो काफी मदद मिलती है, लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ तो AIDS होने का खतरा बढ़ जाता है. आमतौर पर HIV की चपेट में आने के कई सालों बाद AIDS की बीमारी होती है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, अब भी ये वायरस हर साल लाखों लोगों को संक्रमित कर रहा है. 2021 के आखिर तक दुनिया में 3.84 करोड़ लोग ऐसे थे जो इस वायरस से संक्रमित थे. 2021 में दुनियाभर में 6.5 लाख लोगों की मौत का कारण HIV ही था. NACO के मुताबिक, 2021 में भारत में एड्स के 62,967 नए मामले सामने आए थे और 41,968 लोगों की मौत हो गई थी. यानी हर दिन औसतन 115 मौतें. UNAIDS के आंकड़े बताते हैं कि 2021 तक भारत में 24 लाख लोग HIV संक्रमित थे.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि कोरोना के कारण एचआईवी एड्स की रोकथाम का काम नहीं हो पाया है और हो सकता है कि इस कारण अगले 10 साल में 77 लाख लोगों की मौत हो जाए. असुरक्षित यौन संबंध बनाने और संक्रमित खून के संपर्क में आने से HIV का खतरा बढ़ जाता है. सही समय पर इसका इलाज शुरू कर देना बहुत जरूरी है. अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (CDC) के मुताबिक, HIV से संक्रमित होने पर फ्लू जैसे लक्षण दिखाई देते हैं, जैसे- बुखार होना, गला खराब होना या कमजोरी आना. इसके बाद इस बीमारी में तब तक कोई लक्षण नहीं दिखाई देते, जब तक AIDS न बन जाए. AIDS होने पर वजन घटना, बुखार आना या रात में पसीना आना, थकान-कमजोरी जैसे लक्षण दिखते हैं. आमतौर पर HIV के AIDS में तब्दील होने में तीन स्टेज लगती है.

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