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महिला आरक्षण: सोनिया ने बताया मार्मिक क्षण, अधीर के ऐतराज पर अमित शाह का कटाक्ष

Nilmani Pal
20 Sep 2023 8:02 AM GMT
महिला आरक्षण: सोनिया ने बताया मार्मिक क्षण, अधीर के ऐतराज पर अमित शाह का कटाक्ष
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दिल्ली। लोक सभा और देश की विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने वाले संविधान (128 वां संशोधन) विधेयक पर बुधवार को लोक सभा में चर्चा शुरू हो गई। विधेयक को चर्चा के लिए पेश करते हुये केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सभी राजनीतिक दलों से सर्वसम्मति से इसे पारित करने का अनुरोध किया। विपक्ष की तरफ से चर्चा की शुरुआत करते हुए सोनिया गांधी ने विधेयक का समर्थन किया। उन्‍होंने इसे सरकार से तुरंत लागू करने की मांग की। हालांकि इसके साथ ही उन्होंने सरकार से जाति जनगणना करा कर एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग से आने वाली महिलाओं को भी आरक्षण देकर आगे बढ़ाने की मांग की।

सोनिया गांधी ने इसे अपने जीवनसाथी और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का सपना बताते हुए आज के दिन को अपनी जिंदगी का मार्मिक क्षण भी करार दिया। उन्होंने इस बिल को लागू करने में देरी करने को भारत की महिलाओं के साथ घोर नाइंसाफी बताते हुए कांग्रेस की तरफ से इसे तुरंत लागू करने की मांग की। सोनिया गांधी के बाद भाजपा की तरफ से निशिकांत दुबे बोलने के लिए खड़े हुए जिस पर अधीर रंजन चौधरी ने ऐतराज जताया तो केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चौधरी की आलोचना करते हुए कहा कि क्या महिलाओं की चिंता सिर्फ महिलाएं ही करेंगी, पुरुष नहीं कर सकते है क्या? उन्होंने कहा कि महिलाओं से आगे बढ़कर उनके हित के लिए भाइयों को सोचना चाहिए, यही इस देश की परंपरा है। शाह ने कटाक्ष करते हुये कहा कि सदन में कांग्रेस के नेता चौधरी को शायद पहले बोलने का मौका नहीं मिला, इसलिए उन्हें जलन हो रही है।

निशिकांत दुबे ने महिला आरक्षण के भीतर ओबीसी को आरक्षण देने की सोनिया गांधी की मांग पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस की सरकारों ने पंचायत में, नगर निगम में ओबीसी को आरक्षण क्यों नहीं दिया? राज्य सभा और विधान परिषद में एससी और एसटी को आरक्षण क्यों नहीं दिया? दुबे ने कहा कि कांग्रेस महिला आरक्षण को लॉलीपॉप की तरह घुमाती रही। उन्होंने सोनिया गांधी द्वारा इसका श्रेय लेने पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि बंगाल की गीता मुखर्जी और भाजपा की सुषमा स्वराज ने महिला आरक्षण को लेकर सबसे ज्यादा आवाज उठाई, सबसे ज्यादा योगदान दिया, लेकिन सोनिया गांधी ने अपने भाषण में इन दोनों नेताओं का जिक्र तक नहीं किया। उन्‍होंने आरोप लगाया कि सोनिया गांधी श्रेय लेने की कोशिश कर रही हैं लेकिन श्रेय उसी को मिलता है जो गोल करता है और आज यह श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है।

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