दिल्ली। लोकसभा ने ऐतिहासिक महिला आरक्षण विधेयक को बुधवार को पारित कर दिया। विधेयक के पक्ष में 454 और विरोध में दो मत पड़े। विधेयक में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी सीटें आरक्षित करने का प्रावधान है। यह आरक्षण अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटों पर भी लागू होगा।
संसद के दोनों सदनों से पारित होने के बाद इस कानून को लागू कर दिया जाएगा, लेकिन प्रभावी होने के लिए जनगणना एवं उसके बाद परिसीमन तक इंतजार करना होगा। 'नारी शक्ति वंदन विधेयक' के लोकसभा में पारित होने के बाद अब सबकी नजरें राज्यसभा पर लगी हैं। आज राज्यसभा में विधेयक को पेश किया जाएगा और चर्चा के बाद पारित कराने की तैयारी कर ली गई है। सरकार को उम्मीद है कि राज्यसभा में भी सभी दलों के सहयोग से इसे पारित करा लिया जाएगा।
राष्ट्र सेविका समिति ने नारी शक्ति वंदन विधेयक के लोकसभा में पारित होने पर मोदी सरकार की सराहना की और इसे ऐतिहासिक बताया। आरएसएस की महिला शाखा ने कहा कि यह देश के लिए गर्व का क्षण है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई। उन्होंने कहा कि आरक्षण हर मुद्दे का समाधान नहीं है, फिर भी सशक्तिकरण के लिए कुछ समय के लिए इसकी जरूरत है।