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महिला दिवस विशेष: पिता की बीमारी के बाद बहनों ने दिन में बेची चाय, रात में पढ़ाई कर 10वीं में दिखाया दम

jantaserishta.com
8 March 2024 12:27 PM GMT
महिला दिवस विशेष: पिता की बीमारी के बाद बहनों ने दिन में बेची चाय, रात में पढ़ाई कर 10वीं में दिखाया दम
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महिला दिवस विशेष: पिता की बीमारी के बाद बहनों ने दिन में बेची चाय, रात में पढ़ाई कर 10वीं में दिखाया दम

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर उन महिलाओं की कहानी सामने आ रही है, जिन्होंने हौसले और हिम्मत के चलते गरीबी को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया।
नोएडा: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर उन महिलाओं की कहानी सामने आ रही है, जिन्होंने हौसले और हिम्मत के चलते गरीबी को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया। मेहनत करके परिवार का पालन-पोषण किया और पढ़ाई में भी बड़ा मुकाम हासिल किया।
नोएडा की रहने वाली दो बहनें ज्योति और कुमकुम अपने भाई आशीष गुप्ता और मां के साथ चाय बेचकर अपने परिवार का पालन-पोषण करती हैं। इन्होंने रात में पढ़ाई करके इस साल 12वीं की परीक्षा भी दी है। इससे पहले दोनों बहनें इसी तरह दिन में काम और रात में पढ़ाई करके 10वीं की परीक्षा में 80 प्रतिशत से ज्यादा अंक ला चुकी हैं।
इनके पिता नोएडा में एक छोटी सी चाय की दुकान चलाकर घर का पालन-पोषण करते थे। कई साल पहले उनके बहुत बीमार होने के बाद घर की स्थिति बेहद खराब हो गई थी। लेकिन, तीनों बच्चों ने मां के साथ मिलकर दिन-रात कड़ी मेहनत की, घर भी चलाया और पढ़ाई भी की।
2022 में तीनों भाई-बहनों ने उत्तर प्रदेश 10वीं बोर्ड में जो उपलब्धि हासिल की है, उसे सुनकर आप भी उनकी तारीफ किए बिना नहीं रह पाएंगे। आशीष और उनकी दो बड़ी बहनों कुमकुम और ज्योति ने 10वीं की परीक्षा पास की है, वो भी डिस्टिंक्शन के साथ। सबसे बड़ी बहन कुमकुम के 80 प्रतिशत, छोटी बहन ज्‍योति के 83.80 प्रतिशत और भाई आशीष के 61 प्रतिशत अंक आए।
पिता की बीमारी और पैसों की तंगी के कारण तीनों ने पढ़ाई छोड़ दी थी। इसके बाद लोगों और एनजीओ की मदद से फिर से एडमिशन लेकर पढ़ाई करके 10वीं में अच्छे नंबर हासिल किए हैं। इस परिवार की बड़ी बहन ज्योति फैशन डिजाइनर और छोटी बहन कुमकुम वकील बनना चाहती हैं। जबकि, आशीष को सिविल सर्विसेज में जाना है।
कुमकुम बताती हैं कि अभी तक पिता की तबीयत ठीक नहीं हुई है। हम तीन भाई-बहन मिलकर घर का सारा खर्च उठाते हैं। हम शिफ्ट में दुकान और घर के काम करते हैं। कभी-कभी मम्मी भी मदद करती हैं, लेकिन, उनकी भी उम्र अब ज्यादा हो चुकी है।
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