पश्चिम बंगाल। पश्चिम बंगाल में महिला तस्कर (Women Trafficking) गिरोह का भंडाभोड़ हुआ है. पुलिस ने दो महिला सहित कुल आठ लोगों को महिलाओं की तस्करी करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है. आरोप है कि ये तस्कर बांग्लादेश (Bangladesh) से महिलाओं को बहला-फुसला कर लाते थे और फिर बंगाल के विभिन्न वेश्याखाने में बिक्री कर देते थे. घटना पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना इलाके में घटी है. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार आस्था नामक ऐप पर एक मैसेज आया, जिसमें उसने मदद मांगी गई. मैसेज में उत्तर बंगाल की एक नाबालिग लड़की ने चुपके से मैसेज भेजकर मदद मांगी थी. बांग्लादेश लड़की ने शिकायत की कि एक युवक ने उसे इस देश (भारत) में बहला-फुसलाकर वेश्यावृत्ति के लिए बेच दिया है.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक सात फरवरी को पुलिस की आस्था नाम के एप में एक नाबालिग का मैसेज आया था. उस मैसेज में नाबालिग ने पुलिस से मदद मांगी. बाद में पुलिस को पता चला कि बांग्लादेश के कोमिला जिले की रहने वाली लड़की को उसके प्रेमी ने दूसरे युवक को सौंप दिया है. कथित तौर पर युवक ने वहां से सीमा पार कर पूर्वी मिदनापुर के महिषादल में बेज दिया.
नाबालिग के मुताबिक बांग्लादेश में रहने के दौरान उसे एक युवक से प्यार हो गया. लड़की को इस बात का अंदाजा नहीं था कि लड़का उसे इस तरह धोखा देगा. बाद में उसे पूर्वी मिदनापुर के एक युवक को बेच दिया गया. घटना की खबर मिलते ही पुलिस के होश उड़ गए. पुलिस ने वेश्याखाने की दो महिलाओं को गिरफ्तार किया गया है. बाद में तलाशी ली गई और सोनारपुर और अन्य जगहों से छह और लोगों को गिरफ्तार किया गया. पुलिस का दावा है कि सोनारपुर से गिरफ्तार किए गए सभी लोग बांग्लादेश के रहने वाले हैं. वे अवैध रूप से वोटर कार्ड बनाकर इस राज्य में रह रहे थे. पुलिस ने सभी आरोपितों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया है. डायमंड हार्बर पुलिस ने अपनी हिरासत में और लोगों की तलाश शुरू कर दी है, जो इस रैक्ट में शामिल हैं.