अक्सर लोग सफल होने के लिए मेहनत, लगन और ईमानदार प्रयास करने की सलाह देते हैं. कोई इसे 'सफलता का मूल मंत्र' कहता है तो कोई 'बुनियादी जरूरत'. कुल मिलाकर जीवन में सफल होने के लिए या कोई मुकाम हासिल करने के लिए मेहनत-लगन-प्रयास जैसी चीजें सबसे जरूरी हैं. इसको लेकर अलग-अलग IAS अधिकारी क्या कहते हैं, आइए जानते हैं उनके हालिया Tweets से..
जाहिर तौर पर जीवन में प्रयास किए बगैर कुछ भी पाना संभव नहीं है. अगर आपको सफलता का स्वाद चखना है, तो उसके लिए कड़ी मेहनत भी करनी पड़ेगी. इस बारे में आईएएस अर्पित वर्मा (IAS Arpit Verma) अपने ट्वीट में लिखते हैं- "करले आज मेहनत मन को समझाकर, कल सफलता मिलेगी तुझसे आकर..."
सफलता पर IAS के Tweets वायरल
अपने एक और ट्वीट में IAS अर्पित वर्मा लिखते हैं- "अपनी शिकायत या आलोचना को धैर्य से सुनें. यह हमारी जिंदगी के मैल को हटाने में साबुन का काम करती है!"
वहीं IAS सोनल गोयल (Sonal Goel) लिखती हैं- "आज मुश्किल है, कल थोड़ा बेहतर होगा. मेहनत करना मत छोड़ ऐ मुसाफ़िर, आने वाला भविष्य निश्चय अच्छा होगा." यानी IAS सोनल गोयल भी मेहनत को सफलता का मूल मंत्र मानती हैं.
आज मुश्किल है ;
— Sonal Goel IAS (@sonalgoelias) February 9, 2022
कल थोड़ा बेहतर होगा ,
मेहनत करना मत छोड़ ऐ मुसाफ़िर ;
आने वाला भविष्य निश्चय अच्छा होगा …
सफलता के ऊपर IAS जितिन यादव (Jitin Yadav) ने ट्विटर पर दृष्टि आईएएस के संस्थापक, डॉ विकास दिव्यकीर्ति (Drishti IAS, Dr Vikas Divyakirti) का एक वीडियो शेयर किया. डॉ विकास प्रतियोगी परीक्षाओं (UPSC Exam) की तैयारी करने वाले छात्रों का मार्गदर्शन करने वाले शख्स के तौर पर जाने जाते हैं.
वीडियो में डॉ विकास कहते हैं- 'अगर आप ईमानदारी से पढ़ रहे हैं तो ये हो सकता है कि सेलेक्शन में थोड़ी देर हो या फिर IAS में ना हो किसी स्टेट PCS में अच्छी रैंक आ जाए लेकिन ये कतई नहीं होगा कि आप बेरोजगार रहें. और अगर फिर भी सेलेक्शन नहीं होता है तो आप जिस भी फील्ड में जाएंगे, कमाल कर देंगे, ये गारंटी है. क्योंकि पढ़ाई आपके व्यक्तित्व को निखार देगी.'
अपने एक और ट्वीट में IAS जितिन यादव जीवन में सबक और सीख की बात का जिक्र करते हैं. वो लिखते हैं- 'अनुरूपता स्वतंत्रता की जेलर और विकास की दुश्मन है.'
वहीं IAS एन सरवन कुमार (N Saravana Kumar) अपने ट्वीट में लिखते हैं- "भय और असुरक्षाएं अनजाने में आपके द्वारा बनाई गई हैं. यदि आप उन्हें नहीं बनाते हैं, तो वे मौजूद भी नहीं हैं." यानी सफलता को लेकर जो कुछ लोगों में भय और असुरक्षा की धारणा होती है, असल में वो खुद की ही बनाई होती है.