बीजेपी ऑफिस के बाहर धरने पर बैठी महिला, बच्ची की कस्टडी पाने लगाई गुहार
सोर्स न्यूज़ - आज तक
गुजरात। जर्मन सरकार से अपनी 22 माह की बच्ची अरिहा की कस्टडी पाने के लिए गुजरात में बीजेपी ऑफिस के बाहर धरने पर बैठी उसकी मां धारा शाह ने सरकार के आश्वासन के बाद अपना अनशन तोड़ लिया है. धारा की मांग थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मामले में हस्तक्षेप कर उनकी मदद करें. पीएमओ के एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा फोन पर आश्वासन दिए जाने के बाद धारा ने गुरुवार देर रात अपना धरना स्थगित कर दिया. धारा ने एक फेसबुक लाइव करके बताया कि हमें आश्वासन मिला है कि शुक्रवार सुबह पीएमओ की ओर से अरिहा की वापसी के लिए एक सार्वजनिक बयान दिया जाएगा. उन्होंने फेसबुक लाइव में कहा कि अगर वादे के मुताबिक बयान नहीं दिया गया तो वह अपना विरोध फिर से शुरू करेंगी. भाजपा पार्टी के लोगों द्वारा उनके अनशन को तोड़ने के लिए उन्हें चाय पिलाई गई.
बता दें कि बेटी अरिहा की कस्टडी की मांग को लेकर उसके माता-पिता जंतर मंतर पर भी प्रदर्शन कर चुके हैं. अरिहा की मां धारा का कहना है कि उनकी बेटी फिलहाल किसी ईसाई परिवार के पास है और उसने जर्मन भाषा बोलना शुरू कर दिया है. उनका कहना है कि मामले की सुनवाई में सालों लग सकते हैं. लेकिन तब तक उन्हें अरिहा की कस्टडी मिलनी चाहिए या उसे किसी रिश्तेदार को सौंप देना चाहिए.
महज 22 महीने की एक बच्ची अरिहा 14 महीनों से बिना मां-बाप के जर्मनी में रह रही है. अरिहा के मां-बाप अब जर्मनी सरकार से बेटी की वापसी को लेकर कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं. दरअसल, जर्मन प्रशासन ने अरिहा के माता-पिता पर उनके बच्चे का यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए उसे अपनी कस्टडी में ले लिया था. अरिहा के पिता वर्क वीजा पर जर्मनी में बतौर इंजीनियर काम करते थे.
लेकिन इस पूरे मामले पर अरिहा के माता-पिता का कहना है कि एक मामूली दुर्घटना में बच्ची को चोट लग गई थी. जिसके बाद जर्मन प्रशासन की ओर से ये सब कुछ किया गया. बता दें कि अरिहा के माता-पिता मूल रूप से गुजरात से है. लेकिन बीते सात दशकों से मुंबई के भयंदर में रह रहे हैं.