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कोलकाता: सीमा सुरक्षा बल (BSF) के दो जवानों के एक महिला के साथ कथित बलात्कार का मामला अब सियायी जंग में बदल गया है. उत्तर 24 परगना जिले के बागदा में भारत-बांग्लादेश सीमा के पास घटी इस घटना को लेकर पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी के बीच छींटाकशी का दौर शुरू हो गया है.
इस बीच तृणमूल कांग्रेस का तीन सदस्यीय डेलीगेशन रविवार दोपहर को बागदा में घटनास्थल पर पहुंचा. उन्होंने मौके पर पहुंचकर इस वीभत्स घटना की ग्राउंउ रिपोर्ट हासिल की. इस डेलीगेशन में डॉ. शशि पंज, कुणाल घोष और डॉ. काकोली घोष दस्तीदार मौजूद रहीं.
पश्चिम बंगाल पुलिस ने बीएसएफ के दो जवानों को गिरफ्तार किया है. उन्हें शुक्रवार को बागदा के पास एक महिला का कथित बलात्कार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों की पहचान 68वीं बटालियन के सब इंस्पेक्टर एस. पी. चेरो और कॉन्स्टेबल अलताब हुसैन के तौर पर हुई है.
बीएसएफ के साउथ बंगाल फ्रंटियर के अधिकारियों का कहना है कि बीएसएफ के दोनों कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. वहीं उनके खिलाफ कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश भी दे दिया गया है.
जानकारी के मुताबिक शुक्रवार को बागदा के पास एक महिला कथित तौर पर बांग्लादेश से भारत की सीमा में दाखिल होने की कोशिश कर रही थी. महिला ने अपनी शिकायत में किा कि वह और उसका परिवार गुरुवार रात को बागदा सीमा पर जीतपुर से सीमापार करने की कोशिश कर रहे थे. उन्हें सूचना मिली थी कि उनका एक रिश्तेदार बीमार पड़ गया है. उसी समय बीएसएफ के दो जवान उसे घसीटकर एकांत स्थान पर ले गए और उसके साथ बलात्कार किया.
इस घटना पर डॉ. काकोली घोष दस्तीदार ने बीजेपी को घेरते हुए ट्वीट किया था कि बीजेपी ने बीएसएफ की ज्यूरिडिक्शन बढ़ाने का फैसला किया था, ये उसका कड़वा सच है. अब रक्षक ही भक्षक बन जाए तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा.
इस पर बीजेपी ने कहा कि इस तरह की एक अलग-थलग घटना के लिए टीएमसी को पूरे बीएसएफ की छवि को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए. इस तरह का बयान स्वीकार्य नहीं है.
खबरों के मुताबिक ममता बनर्जी की लीडरशिप वाली तृणमूल कांग्रेस ने बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को इंटरनेशनल बॉर्डर से 15 किमी दूर के बजाय 50 किमी दूर तक बढ़ाने के केन्द्र सरकार के निर्णय को नामंजूर कर दिया था.
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