महिला जज का शव फंदे से लटका मिला था, पिता सदमे में, कही यह बात
बदायूं: बेटी की मौत की खबर सुन लखनऊ से बदायूं पहुंचे सिविल जज ज्योत्सना राय के पिता अशोक राय ने कहा कि मेरी बेटी बहुत मजबूत इरादों वाली थी और वह खुदकुशी नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि उन्हें अपनी बेटी के जिंदादिल होने पर फक्र रहा। वह मुझे छोड़कर कैसे जा सकती है। वहीं, …
बदायूं: बेटी की मौत की खबर सुन लखनऊ से बदायूं पहुंचे सिविल जज ज्योत्सना राय के पिता अशोक राय ने कहा कि मेरी बेटी बहुत मजबूत इरादों वाली थी और वह खुदकुशी नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि उन्हें अपनी बेटी के जिंदादिल होने पर फक्र रहा। वह मुझे छोड़कर कैसे जा सकती है। वहीं, ज्योत्सना की मां भी कार से रोते बिलखते हुए उतरी। कार से उतरते ही वह बेसुध हो गई। महिला न्यायिक अधिकारियों ने उन्हें संभाला और पानी पिलाया। कुछ देर बाद उन्हें कमरे में ले जाया गया जहां ज्योत्सना का शव रखा था। इस दौरान न्यायिक अधिकारी माता-पिता को सांत्वना देते रहे।
वहीं, पिता ने बेटी की हत्या होने का शक जताया। पिता का मानना है कि उनकी बेटी आवास पर अकेली रहती थी। उसके साथ कोई अनहोनी भी हो सकती है। हत्या भी हो सकती है। इसके बाद पिता की तहरीर पर सदर कोतवाली में अधिकारियों के निर्देश पर हत्या की धारा में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
इधर, अन्य परिजनों के देर से पहुंचने के चलते पिता के कहने पर पुलिस अधिकारियों ने रविवार को शव का पोस्टमार्टम कराने का फैसला लिया। इसके बाद पुलिस सुरक्षा के बीच जिला अस्पताल की मोर्चरी में शव को रखवा दिया गया है। यहां पुलिस कर्मी तैनात किए गए हैं।
सिविल जज जूनियर डिवीजन ज्योत्सरा राय का तबादला अयोध्या से अगस्त 23 में बदायूं हुआ। यहां आने के बाद उन्हें सरकारी आवास उपलब्ध न होने पर से एक माह तक आवास विकास कालोनी में किराये पर रहीं थीं। जिस मकान में रहीं, उसके मालिक प्रताप कटियार ने बताया, बदायूं आने के बाद जज लगभग एक महीने उनके आवास में किराये पर रहीं थीं। उसके बाद रजिस्ट्री आफिस के समीप सरकारी आवास मिलने के बाद वे वहां शिफ्ट हो गईं। प्रताप के मुताबिक जज ज्योत्सना बेहद मिलनसार थीं। उनके घर पर वे परिवार की तरह रहीं।