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ये क्या...पासपोर्ट के लिए लाइन में लगी महिला ने दिया बच्ची को जन्म, फिर...
jantaserishta.com
7 July 2022 11:02 AM GMT
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
नई दिल्ली: श्रीलंका इन दिनों आर्थिक संकट से गुजर रहा है. देश के ऊपर भारी कर्ज का बोझ भी है. श्रीलंका के लोग रोजगार की तलाश में दूसरे देशों का रुख कर रहे हैं. इसी सिलसिले में 2 दिनों से पासपोर्ट के लिए लाइन में खड़ी एक महिला को प्रसव पीड़ा हुई और उसने वहीं एक बच्ची को जन्म दिया. महिला श्रीलंका छोड़कर रोजगार की तलाश में विदेश जाना चाहती थी. वह 2 दिनों से पासपोर्ट के लिए लाइन में खड़ी थी.
न्यूज एजेंसी के मुताबिक. अधिकारियों ने कहा कि कोलंबो में इमीग्रेशन विभाग में तैनात श्रीलंकाई सेना के जवानों ने गुरुवार सुबह कैंपस में 26 वर्षीय महिला को प्रसव पीड़ा होते देखा और उसे अस्पताल लेकर गए, जहां उसने बच्ची को जन्म दिया. सेंट्रल हिल्स की महिला अपने पति के साथ विदेश में नौकरी करने के लिए पासपोर्ट बनवाने के वास्ते पिछले दो दिनों से कतार में लगी हुई थी.
चूंकि श्रीलंका में जनवरी के अंत में आर्थिक संकट शुरू हुआ था. पासपोर्ट कार्यालय में पासपोर्ट लेने के लिए लंबी कतारें नियमित रूप से देखी जाती थीं. अधिकांश लोगों ने 'वन डे इश्यू सर्विस' में पासपोर्ट लेने का विकल्प चुना है. इस बीच, ईंधन के लिए कतार में खड़े एक अन्य व्यक्ति की सुबह दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. मार्च के बाद से ईंधन की कतार में इस तरह की ये पंद्रहवीं मौत है.
थ्री व्हीलर पर सवार 60 वर्षीय आइसक्रीम विक्रेता ने यहां के दक्षिण में पयागला में ईंधन के लिए लगातार दो दिन लाइन में बिताए थे. लाइन में लगने के दौरान उन्हें सीने में दर्द हुआ और उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. ईंधन के लिए लंबी कतारें अब देश में इंडियन ऑयल कंपनी के LIOC रिटेल पंपों पर देखी जा रही हैं. देश में आपूर्ति जहाजों के आने की कोई सूचना नहीं होने के कारण राज्य ईंधन इकाई सीपीसी पंप 10 दिन पहले ही बंद हो गए थे.
ऊर्जा मंत्री कंचना विजेसेकारा ने बुधवार को संसद को बताया कि आईओसी से एक जहाज के आने तक, 22 जुलाई तक कोई ईंधन ढोने वाला जहाज उपलब्ध नहीं था. इसलिए, कमी को पूरा करने के लिए सरकार ने ज्यादा दाम पर पेमेंट करने का विकल्प चुना और एक शिपमेंट का आदेश दिया.
1948 में ब्रिटेन से आजादी के बाद से श्रीलंका सबसे खराब आर्थिक संकट से गुजर रहा है. ईंधन आयात करने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार समाप्त होने के बाद श्रीलंका की अर्थव्यवस्था लगभग ठप हो गई है. श्रीलंकाई लोग ईंधन और रसोई गैस के लिए लंबी कतारों में लगे हुए हैं. क्योंकि सरकार आयात के लिए डॉलर नहीं ढूंढ पा रही है.
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