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गुजरात। सूरत के देसाई परिवार की इंजीनियर बेटी का विवाह नहीं हो सका तो उसने सिंगल मदर बनने का फैसला किया. 41 साल की उम्र में वह IVF के जरिए मां बन गई हैं. सूरत में इस इंजीनियर ने बेटा और बेटी को जन्म दिया है. डॉ. रश्मि प्रधान ने कहा कि किसी भी महिला के लिए बिना शादी के मां बनना भारतीय समाज में कई सवाल खड़े करता है, लेकिन सूरत की डिंपल देसाई ने इस समाज में एक नई पहल शुरू की है.
सूरत के अस्पताल में भर्ती डिंपल देसाई ने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया है. दो बच्चों को जन्म देने के साथ ही डिंपल टॉक ऑफ टाउन बन गई हैं, क्योंकि वह सिंगल मदर बनी हैं. दरअसल, सूरत के देसाई परिवार में दो बेटियां हैं. एक बेटी रूपल देसाई दुबई में सेटल हो चुकी है और दूसरी बेटी डिंपल अपने बुजुर्ग माता-पिता की सेवा के लिए उनके साथ रह रही है.
41 साल की डिंपल और उसकी बहन रूपल की शादी किसी न किसी कारणवश नहीं हो सकी. रूपल के दुबई जाने के बाद डिंपल अपने माता-पिता के साथ सूरत में रह रही है. डिंपल ने अपने माता-पिता की सेवा के साथ खुद मां बनने का फैसला किया. इसके बाद उनके सामने सबसे बड़ा सामाजिक चैलेंज था, लेकिन डिंपल कहती हैं कि जब परिवार वाले मान गए तो फिर समाज की कोई चिंता नहीं है.
भविष्य को लेकर चिंतित डिंपल को सबसे ज्यादा मोटीवेशन डॉ. रश्मि प्रधान से मिला. डॉ. प्रधान ने डिंपल को समझाया कि वह दो तरह से मां बन सकती है या तो कोई बच्चा अडॉप्ट करें या फिर IVF के जरिये बच्चे को जन्म दे सकती है. IVF से होने वाले बच्चे के साथ नेचर कनेक्ट आ जाएगा. डिंपल ने डॉ. प्रधान की बात घर वालों को बताई और फिर सब राजी हो गए. वहीं, डॉ. रश्मि बताती हैं कि इस केस में कई मेडिकल ओपस्ट्रेक्ट थे, जिसे धीरे-धीरे दूर कर लिया गया, लेकिन मरीज के सामने सबसे बड़ा चैलेंज सामाजिक रूप से मां बनने के लिए मानसिक रूप से तैयार होना था.