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फाइनेंस कंपनी में महिला कर्मचारी की हत्या, मालिक सहित पांच लोग गिरफ्तार

Admin2
29 Aug 2022 1:38 AM GMT
फाइनेंस कंपनी में महिला कर्मचारी की हत्या, मालिक सहित पांच लोग गिरफ्तार
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नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के आजादपुर में हुई एक फाइनेंस कंपनी की 23 वर्षीय महिला कर्मचारी की हत्या की गुत्थी को पुलिस ने महज कुछ घंटों के अंदर ही सुलझा लिया है। महिला की हत्या के लिए दो लाख रुपये की सुपारी दी गई थी। पुलिस ने हत्या के आरोप में मृतका के मालिक सहित कुल पांच लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि छठा आरोपी अभी फरार है। कथित तौर पर महिला और उसके मालिक के बीच प्रेम संबंध थे और अब वह अपने मालिक पर शादी करने का दबाव बना रही थी।

पुलिस ने रविवार को बताया कि शादी के लिए दबाव बनाने पर अपनी महिला कर्मचारी की कथित तौर पर हत्या करने के आरोप में फाइनेंस कंपनी के मालिक को चार अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों की पहचान अनुज (34), जय प्रकाश (28), पंकज (22), श्याम सुंदर (25) और सुमित (26) के रूप में हुई है। पुलिस ने बताया कि छठा आरोपी शरीफ फरार है।
हत्या के लिए तय हुई थी दो लाख रुपये की सुपारी
पुलिस ने कहा कि मुख्य आरोपी अनुज और उस महिला के बीच विवाहेत्तर संबंध (Extramarital Affair) थे। अनुज ने ही अपने चार अन्य साथियों के साथ मिलकर उस महिला की हत्या की साजिश रची थी। इसके लिए उसने एक कॉन्ट्रैक्ट किलर को काम पर रखा और 2 लाख रुपये में सौदा तय किया, और आधी रकम का एडवांस में भुगतान किया था। पुलिस ने बताया कि महिला उसकी कर्मचारी थी और उसे इस बात की जानकारी नहीं थी कि आरोपी पहले से शादीशुदा है।
ऑफिस के अंदर पड़ी मिली थी लाश
डीसीपी (नॉर्थ-वेस्ट) उषा रंगनानी ने कहा कि शनिवार शाम करीब सात बजे उन्हें फोन आया कि आजादपुर के केवल पार्क इलाके की टिम्बर मार्केट स्थित एक ऑफिस में एक महिला खून से लथपथ पड़ी है। पुलिस जब मौके पर पहुंची तो देखा कि महिला का गला रेता हुआ था और उसके चारों ओर खून पड़ा था। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। अधिकारी ने बताया कि कथित तौर पर बजाज फाइनेंस के साथ गठजोड़ कर 'सिंह एंड ब्रदर्स फाइनेंशियल सर्विस' के नाम से एक ऑफिस चलाया जा रहा था। महिला इसी ऑफिस में टेली-कॉलर का काम करती थी।
डीसीपी ने कहा कि इस संबंध में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 के तहत हत्या का मामला दर्ज किया गया था। आरोपियों का सुराग तलाशने को पुलिस की एक टीम ने उस बिल्डिंग और इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जांच की, जिसमें दो लोगों को शाम 6.17 बजे ऑफिस की ओर जाने वाली सीढ़ी में प्रवेश करते और दो-तीन मिनट के बाद बाहर आते हुए देखा गया, जिनमें से एक के पास एक बैग था। इसके बाद महज कुछ घंटों में ही पुलिस ने आरोपियों को धर-दबोचा। आरोपियों के पास से 70 हजार रुपये नकद बरामद किए गए हैं।
मर्डर के दौरान फोन पर प्रेमिका की चीखें सुन रहा था अनुज
पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया कि ऑफिस के मालिक अनुज ने आखिरी बार शाम 6.18 बजे महिला से बात की थी और फोन पर उसकी चीखें सुनी थीं। उसने कहा कि शुरू में उसने हत्या के संभावित मकसद के बारे में अनभिज्ञता जाहिर की, लेकिन बाद में हत्या में उसकी संलिप्तता उजागर हो गई।
अनुज ने छुपाई थी शादीशुदा होने की बात
पुलिस ने मृतका के पर्स की तलाशी ली तो उसमें अनुज की फोटो के साथ नया मंगल सूत्र मिला। अधिकारी ने कहा कि सख्ती से पूछताछ में अनुज टूट गया और उसने अपराध में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली। अनुज ने कहा कि वह शादीशुदा था और पिछले दो-तीन सालों से पीड़िता के साथ विवाहेत्तर संबंध में था। उसने महिला से अपने शादीशुदा होने की बात छुपाई थी। अधिकारी ने कहा कि उसने बताया कि हाल ही में पीड़िता उस पर जल्द से जल्द शादी करने का दबाव बना रही थी। अनुज ने महिला के दबाव से तंग आकर उसे मारने का फैसला किया और अपने एक कर्मचारी जय प्रकाश के साथ इस बारे में बात की।
हत्या से एक दिन पहले मिले थे पांचों आरोपी
पुलिस के अनुसार, जय प्रकाश ने इस पर सहमति जताई और महिला की हत्या के लिए 2 लाख रुपये मांगे और 1 लाख रुपये पहले ही ले लिए। उसने पंकज को बुलाया जिसने अपने साथ तीन अन्य लोगों को अपराध में शामिल किया। डीसीपी ने कहा कि हत्या से एक शाम पहले, सभी पांचों आरोपी सोनिया विहार के पुश्ता रोड पर एकत्र हुए और सभी प्लान पर चर्चा की। डीसीपी ने कहा कि उन्होंने देर शाम को महिला को मारने का फैसला किया, जब वह ऑफिस में अकेली होगी।
हत्या के दिन सुमित और शरीफ ऑटो रिक्शा से सोनिया विहार से आजादपुर आए थे। शरीफ के पास एक बैग था, जिसमें उन्होंने चाकू रखा था। सुमित नीचे गली में रुका था, क्योंकि श्याम और शरीफ ऑफिस के अंदर तीसरी मंजिल पर गए थे।
उन्होंने पीड़िता को उस समय पकड़ लिया, जब वह अनुज से बात कर रही थी। उसे शाम 6.15 बजे के आसपास कॉल करना अनुज की एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा था, ताकि उसके पास एक बहाना हो, और साथ ही सुनिश्चित कर सके कि योजना को अंजाम दे दिया गया है। हमलावरों ने उसका गला रेतकर उसकी हत्या कर दी और मौके से फरार हो गए।
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