मध्य प्रदेश के रतलाम में किल कोरोना अभियान के दौरान महिला नर्स द्वारा धर्म विशेष का प्रचार करने की घटना ने तूल पकड़ा लिया है. जहां एक तरफ स्थानीय स्वास्थ्य विभाग ने महिला नर्स के खिलाफ कार्रवाई शुरु कर दी है, वहीं भारतीय जनता पार्टी ने इसे बड़ी साजिश करार दी है. किल कोरोना अभियान के दौरान रतलाम जिले के आदिवासी विकासखंड बाजना में एक महिला नर्स द्वारा ईसाई धर्म के कथित प्रचार और पर्चे बांटने का वीडियो सोशल मीडिया के जरिए सामने आया है. इससे संबंधित एक वीडियो सोशल मीडिया पर वारयल हुआ है, जिसमें कोई पर्चा बांटने पर आपत्ति लेते और डॉक्टर डाइट प्लान की जानकारी देने की बात कहती नजर आ रही है.
हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने आपत्ति जताते हुए शिकायत दर्ज कराई है, पुलिस मामले की जांच कर रही है. वहीं बाजना तहसीलदार बीएस ठाकुर ने महिला नर्स द्वारा धर्म विशेष का प्रचार किए जाने की शिकायत मिलने की पुष्टि की है और महिला नर्स के बयान भी लिए जा चुके हैं. इस दौरान उसके पास से प्रचार के पर्चे भी मिले हैं.
तहसीलदार द्वारा जांच प्रतिवेदन तैयार कर वरिष्ठ अधिकारियों को भेजा जा रहा है. दूसरी तरफ बाजना के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर जितेंद्र जायसवाल ने कहा है कि कुछ लोगों ने शिकायत दर्ज कराई कि डॉक्टर संध्या तिवारी हैं, रेपिड रिस्पांस टीम में थीं. वो किसी धर्म विशेष के प्रचार के लिए पर्चे बांट रही थीं. उस सम्बन्ध में शिकायत मिली थी, जिसके बाद जानकारी ली गई तो लोगों ने वह पर्चे भी दिखाए जो उसने बांटे थे. अब वरिष्ठ अधिकारियों को इस संबंध में अवगत कराया गया है. अब जाकर उसको शासकीय सेवा से पृथक करने की अनुशंसा की जा रही है.
बीजेपी बता रही साजिश!
भारतीय जनता पार्टी के विधायक और विधानसभा के पूर्व प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने घटना पर कहा है कि आपदा के समय डॉक्टर की वर्दी पहने कर्मियों को यह सब नहीं करना चाहिए. इससे अच्छा वो बोलतीं कि आप जिस भगवान को मानते हैं, उनका ध्यान करें, लेकिन उनका ये बोलना की धर्म विशेष के भगवान की प्रार्थना करो जल्दी ठीक हो जाओगे ये गलत है. रामेश्वर शर्मा ने कहा कि उन्हें इसमें से सुनियोजित षड़यंत्र की बू आ रही है.