कोरोना संक्रमण से बचने के लिए कोविड का टीका लगाया ही नहीं गया लेकिन मोबाइल में मैसेज आ गया कि डीयर रेखा कुमारी सिन्हा, यू हैव सक्सेसफुली बीन वैक्सीनेटेड विथ योर फर्स्ट डोज विथ कोविशील्ड ऑन दो अप्रैल एट 2.04 पीएम। यू मे डाउनलोड योर वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट फ्रोम...। यह मैसेज बाघा मोहल्ला निवासी शिक्षक वीरेंद्र कुमार की पत्नी रेखा कुमारी सिन्हा को आया है। शिक्षक की पत्नी ने बताया कि वह अपने पति के साथ आयुर्वेदिक कॉलेज में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए टीका लगाने गयी थी। 25 मार्च को रजिस्ट्रेशन कराया था व दो अप्रैल को टीका का समय दिया गया था। टीका लेने का आईडी नंबर भी मिल गया था। टीका का इंतजार कर रही थी। मेरे साथ 25-30 लोग और भी वैक्सिन लेने के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। इसी बीच सूचना मिली कि केंद्र पर टीके का स्टॉक खत्म हो चुका है। अगले दिन फोन करके आइएगा तो ही टीका लगेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि जिसने शुक्रवार को नंबर लगाया उसे टीका लगा दिया गया और जिसने जो एक हफ्ते पहले नंबर लगाया वो टीके से वंचित रह गया और मैसेज भी भेज दिया गया कि वैक्सिनेशन डन।
वह अपने पति के साथ घर आ गयी। मोबाइल पर मैसेज पढ़ा कि वैक्सिनेशन सक्सेफुल तो वह चौंक गयी। मुझे तो टीका लगाया ही नहीं गया तो इस तरह का मैसेज क्यों आया। उन्होंने डीएम से उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
क्या कहते हैं अधिकारी
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. गोपाल मिश्रा ने कहा, 'टीकाकरण के मामले में जो पहले नंबर लगाएंगे उन्हें पहले टीका लगाना चाहिए। यदि ऐसा नहीं हुआ है इसकी जांच होगी। ऑपरेटर को सावधानी बरतनी चाहिए कि इस तरह का मैसेज नहीं जा सके। कभी-कभी भूलवश भी मैसेज चला जाता है। अगले दिन वंचितों को टीका लगाया जाएगा।'