महिला और चचेरे भाइयों की मौत, चक्रवाती तूफान बिपारजॉय मचा रहा कहर
दिल्ली। भारतीय मौसम विभाग ने गुजरात के तटीय क्षेत्रों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। केंद्रीय पृथ्वी मंत्रालय के अनुसार वर्ष 1970 से 2019 के बीच भारत का 117 चक्रवात से सामना हुआ है। इसकी चपेट में आकर 40 हजार से अधिक लोगों की मौत हुई है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार वर्ष 2020 में आए अम्फान चक्रवात से 100 लोगों की मौत हुई थीं। वहीं 1400 करोड़ डॉलर से अधिक की आर्थिक क्षति हुई थी। चक्रवात बिपरजॉय के खतरे को देखते हुए कांडला पोर्ट और उसके आस-पास के गांव खाली करवाया जा रहा है।
बिपरजॉय की भयावहता ने 1998 के गुजरात साइक्लोन की यादें ताजा कर दी हैं। 10 जून को 1998 में आए इस चक्रवात में 10 हजार लोगों की मौत हुई थी। उस वक्त तूफान की गति 165 किलोमीटर प्रतिघंटा था। लैंडलाइन चक्रवात को इस वर्ष 25 साल हो रहे हैं। अब एक नये खतरे को देखते हुए प्रशासन काफी सक्रिय है।
चक्रवात बिपारजॉय के मद्देनजर दीव के तटीय इलाके में एनडीआरएफ की एक टीम तैनात की गई है। यह टीम हर स्थिति से निपटने में सक्षम है। टीम में लगभग 22 बचावकर्मी हैं। गुजरात के राजकोट समेत कई जगहों पर तेज हवा चल रही है। तेज हवा और बारिश की वजह से पेड़ गिरने से राजकोट में एक महिला की मौत हो गई। महिला पति घायल हैं और उनका इलाज नजदीकी अस्पताल में कराया जा रहा है। वहीं, कच्छ के भुज कस्बे में सोमवार की शाम मिट्टी की दीवार गिरने से दो चचेरे भाइयों की मौत हो गई। दोनों बच्चे दीवार के पास खेल रहे थे।