असम

लामडिंग-फरकाटिंग और आगियाठरी-कामाख्या के बीच दोहरी लाइन के साथ

9 Feb 2024 4:54 AM GMT
लामडिंग-फरकाटिंग और आगियाठरी-कामाख्या के बीच दोहरी लाइन के साथ
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हाफलोंग: मौजूदा लाइन क्षमता में वृद्धि, ट्रेन परिचालन को सुचारू, भीड़भाड़ को कम करने और यात्रा एवं परिवहन को आसान बनाने के लिए रेल मंत्रालय द्वारा महत्वपूर्ण सेक्शनों में रेल पटरियों के दोहरीकरण पर जोर दिया जा रहा है। ब्रह्मपुत्र नद पर प्रस्तावित सराईघाट पुल और लामडिंग-फरकाटिंग सहित आगियाठरी-कामाख्या के दोहरीकरण के कार्य को आज …

हाफलोंग: मौजूदा लाइन क्षमता में वृद्धि, ट्रेन परिचालन को सुचारू, भीड़भाड़ को कम करने और यात्रा एवं परिवहन को आसान बनाने के लिए रेल मंत्रालय द्वारा महत्वपूर्ण सेक्शनों में रेल पटरियों के दोहरीकरण पर जोर दिया जा रहा है। ब्रह्मपुत्र नद पर प्रस्तावित सराईघाट पुल और लामडिंग-फरकाटिंग सहित आगियाठरी-कामाख्या के दोहरीकरण के कार्य को आज कैबिनेट से मंजूरी मिल गयी।

वर्तमान में, कामाख्या के पास सराईघाट में ब्रह्मपुत्र नद पर दो पुल हैं। इन दोनों में से, मौजूदा रेल-सह-सड़क 'सराईघाट ब्रिज' 1964 में चालू किया गया था। इसके निचले हिस्से पर एकल लाइन रेलवे ट्रैक और ऊपरी हिस्से पर दो-लेन सड़क का प्रावधान है। वर्तमान समय में, न्यू बंगाईगांव-रंगिया-आगियाठरी-कामाख्या सेक्शन पर अधिकतर एकल लाइन परिचालन में है। दोहरीकरण का कार्य प्रगति पर है और यह सेक्शन शीघ्र ही चालू किये जाने की संभावना है। न्यू बंगाईगांव-रंगिया-आगियाठरी सेक्शन के दोहरीकरण का पूरा लाभ प्राप्त करने के लिए, शेष भाग यानी आगियाठरी-कामाख्या का दोहरीकरण आवश्यक है। सराईघाट पर दूसरे रेल-सह-सड़क पुल सहित आगियाठरी से कामाख्या तक दोहरीलाइन बीजी ट्रैक की कुल अनुमानित लागत 1650.37 करोड़ रुपये है, जिसमें सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की 41% हिस्सेदारी है। पुल के निचले हिस्से में रेल पटरी की दोहरीलाइन और ऊपरी हिस्से में फुटपाथ के साथ 3 लेन की सड़क होगी। पुल का उत्तरी छोर 2.694 किलोमीटर लंबी रेल पटरी के साथ आगियाठरी स्टेशन और दक्षिणी छोर 3.07 किलोमीटर लंबी रेल पटरी के साथ कामाख्या स्टेशन को जोड़ेगा। निकट भविष्य में इस क्षेत्र में स्थापित होने वाले उद्योगों हेतु पूर्वोत्तर की ओर आवक और जावक दोनों यातायात के अतिरिक्त बोझ को यह सेक्शन में एक अतिरिक्त लाइन क्षमता का सृजन करेगा। अतिरिक्त बुनियादी संरचना के निर्माण के अलावा इससे आसपास के जिलों के कुशल और अकुशल जनशक्ति दोनों के लिए रोजगार के बड़े अवसर पैदा होंगे।

प्रस्तावित लामडिंग-तिनसुकिया-डिब्रुगढ़ 381 कि.मी. लंबी दोहरीलाइन परियोजना के हिस्से के रूप में लामडिंग-फरकाटिंग (140 कि.मी.) सेक्शन के कार्य को भी मंजूरी दी गई। इस परियोजना की अनुमानित लागत 2333.84 करोड़ रुपये है। इस परियोजना के मध्य 18 रेलवे स्टेशन हैं। इस सेक्शन के दोहरीकरण से असम के होजाई, कार्बी-आंगलंग, गोलाघाट जिलों और नागालैंड के डिमापुर की स्थानीय आबादी को प्रत्यक्ष रूप से लाभ होगा। ऊपरी असम और नागालैंड के जिलों तक रेल कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलेगा। परियोजना पूर्ण होने पर रेल परिवहन क्षमता में वृद्धि होगी, जिससे सभी वर्ग के लोगों को लाभ होगा और माल परिवहन भी सस्ता हो जाएगा। ईंधन की बचत और यात्रा समय में कमी के अलावा परिवहन लागत कम होने से आसपास के क्षेत्रों के आर्थिक परिदृश्य में काफी सुधार होगा।

ये दो मल्टी ट्रैकिंग परियोजनाएं असम में 179 कि.मी. और नागालैंड में 21 कि.मी. अतिरिक्त रेल लाइन जोड़ेंगी। कैबिनेट द्वारा चार अन्य मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को भी मंजूरी दी गई, जिससे सभी छह परियोजनाओं का संयुक्त वित्तीय व्यय 12,343 करोड़ रुपये है।

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