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क्या केन्द्र सरकार कृषि कानून पर नया बिल लेकर आएगी? जानें नरेन्द्र सिंह तोमर का क्या है जवाब
Renuka Sahu
26 Dec 2021 2:16 AM GMT
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फाइल फोटो
केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के बयान पर राजनीतिक बयानबाजी शुरु हो गई है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के बयान पर राजनीतिक बयानबाजी शुरु हो गई है. नरेंद्र सिंह तोमर ने नागपुर में एक कार्यक्रम में कृषि कानूनों की वापसी को लेकर कहा कि एक कदम पीछे हटे हैं, फिर आगे बढ़ेंगे. तोमर के इस बयान पर राजनीतिक बयानबाजी शुरु हो गई है. हालांकि कृषि मंत्री तोमर ने अपने इस बयान पर सफाई दे दी है. समझिए पूरा मामला क्या है.
कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने क्या कहा था?
शुक्रवार को नागपुर में एक कार्यक्रम में तोमर ने कहा, ''हम किसी सुधार बिल लेकर आए थे लेकिन कुछ लोगों को रास नहीं आया. वह 70 सालों की आजादी के बाद एक बड़ा रिफॉर्म थास जो नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में आगे बढ़ रहा था. लेकिन सरकार निराश नहीं है. हम एक कदम पीछे हटे हैं. आगे से बढ़ेंगे, क्योंकि हिंदुस्तान का किसान हिंदुस्तान की बैकबोन है. अगर बैकबोन मजबूत होगी तो निश्चित रूप से देश मजबूत होगा.''
बाद में बयान पर दी सफाई
इस बयान को लेकर जब नरेंद्र सिंह तोमर से सवाल किया गया तो उन्होंने सफाई दी. कृषि मंत्री ने कहा, ''मैंने कहा अच्छे कानून लाए थे, लेकिन किन्हीं कारणों की वजह से रद्द करना पड़ा. भारत सरकार किसानों के फायदे के लिए काम करेगी. मैंने यह नहीं कहा कि हम फिर से कानून लाएंगे.''
#WATCH | "I never said that," said Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar on his reported remarks alluding that Govt will again bring farm laws (25.12) pic.twitter.com/kHNt9xrYXF
— ANI (@ANI) December 26, 2021
कांग्रेस ने कानूनों को वापस लाने का लगाया आरोप
तोमर के बयान को आधार बनाकर कांग्रेस ने सरकार पर ''पूंजीपतियों के दबाव'' में दोबारा ''काले कानूनों'' का वापस लाने की ''साजिश'' रचने का आरोप लगाते हुए इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से स्पष्टीकरण की मांग की. पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने तोमर के बयान को पीएम मोदी की ''माफी का अपमान'' करार दिया और कहा कि सरकार ने इन विवादास्पद कानूनों पर यदि फिर से अपने कदम आगे बढ़ाए तो देश का किसान फिर सत्याग्रह करेगा. पहले भी अहंकार को हराया था, फिर हराएंगे!.
वहीं, कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि तोमर के बयान से तीन 'किसान विरोधी' कृषि कानून वापस लाने की ''ठोस साजिश'' का पर्दाफाश हो गया है. उन्होंने कहा, ''कृषि मंत्री के बयान से मोदी सरकार का किसान विरोधी षडयंत्र और चेहरा एक बार फिर उजागर हो गया है. यह साफ है कि मोदी सरकार पांच राज्यों के चुनाव के बाद एक बार फिर किसान विरोधी तीनों काले कानून नई शक्ल में लाने की साजिश कर रही है और वह ऐसा पूंजीपति मित्रों के दबाव में कर रही है.''
पीएम मोदी ने किया था कानून वापसी का एलान
गौरतलब है कि 19 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन विवादास्पद कृषि कानूनों पर सरकार के कदम वापस खींच लिये थे और देश से ''क्षमा'' मांगते हुए इन्हें निरस्त करने की घोषणा की थी. इसके बाद संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन एक विधेयक लाकर इन कानूनों को निरस्त कर दिया गया था. इस विधेयक के पारित होने के बाद किसानों ने सशर्त अपना आंदोलन वापस ले लिया था.
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