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आज सौगातों की करेंगे बौछार: PM नरेंद्र मोदी के बचपन की जुड़ी है यादें, चाय बेचने से लेकर मगरमच्छ पकड़ा, यहीं बीता बचपन

jantaserishta.com
16 July 2021 10:10 AM GMT
आज सौगातों की करेंगे बौछार: PM नरेंद्र मोदी के बचपन की जुड़ी है यादें, चाय बेचने से लेकर मगरमच्छ पकड़ा, यहीं बीता बचपन
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फाइल फोटो 

कल वाराणसी, आज वडनगर. कल कर्मभूमि पर सौगातों की बारिश आज जन्मभूमि को तोहफा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वडनगर और गांधीनगर को गिफ्ट देने वाले हैं. शाम चार बजे मोदी गांधीनगर में एयरपोर्ट जैसी सुविधाओं वाले स्टेशन का वर्चुअल उद्घाटन करेंगे, जिसके ऊपर फाइव स्टार होटल है. इसके साथ ही पीएम मोदी आज गांधीनगर से अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी जाने वाली सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेन को भी वर्चुअली हरी झंडी दिखाएंगे.

इसके साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी आज अपने जन्मस्थान वडनगर के उस रेलवे स्टेशन का उद्घाटन करेंगे, जिसे हेरिटेज लुक दिया गया है और ब्रॉडगेज के जरिए पूरे देश से जोड़ दिया गया है. इसके साथ ही वो अहमदाबाद साइंस सिटी में एक्वाटिक गैलरी, रोबोटिक्स गैलरी और नेचर पार्क का उद्घाटन भी करेंगे. वडनगर ही पीएम मोदी की जन्मस्थली है, जहां वो पैदा हुए, पले-बढ़े. इस नाते व़डनगर अहम है.
17 सितंबर 1950 को गुजरात के वडनगर में जन्मे पीएम नरेंद्र मोदी अपने 6 भाई-बहनों में तीसरे नंबर पर थे. उनके पिता वडनगर रेलवे स्टेशन पर चाय बेचने का काम करते थे. स्कूल के दिनों में नरेंद्र मोदी अपने पिता के काम में बराबर हाथ बंटाते, जब कभी प्लेटफॉर्म पर ट्रेन रुकती तो वह उसमें भी चाय बेचते.
वडनगर का ये रेलवे स्टेशन पीएम मोदी के जीवन पथ का अहम पड़ाव रहा है. इसी रेलवे स्टेशन पर उनके पिता की चाय की दुकान थी. वही दुकान जहां पढ़ाई से फुर्सत के बाद बाल नरेंद्र खुद चाय बेचा करते. वडनगर स्टेशन पर अब इस टी-स्टॉल को धरोहर के तौर पर संजोया गया है. पीएम मोदी आज इस हेरिटेज स्टेशन का वर्चुअल उद्घाटन करेंगे.
वडनगर रेलवे स्टेशन पर चाय बेचते-बेचते प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की शाखा में जाने लगे और 8 साल की उम्र में ही बाल स्वयंसेवक बन गए. दरअसल, इस चाय की दुकान पर वडनगर में RSS की शाखा चलाने वाले वकील साहब आया करते थे. मोदी उनके संपर्क में आए और 8 साल में बाल स्वयंसेवक बन गए. इसके बाद संघ से बीजेपी में होते हुए पहले गुजरात के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर पहुंचे और फिर पहले 2014 और 2019 में दूसरी बार देश की कमान संभाली.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मस्थान होने के अलावा वडनगर एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक केंद्र है. यहां प्रसिद्ध शर्मिष्ठा झील और एक बावड़ी है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने एक खुदाई के दौरान यहां बौद्ध मठ के अवशेषों की खोज की थी. चीनी यात्री ह्रेन त्सांग ने भी भारत में अपनी यात्रा के दौरान वडनगर का दौरा किया था.
इसी शर्मिष्ठा झील को लेकर एक किस्सा बहुत प्रसिद्ध है. पीएम नरेंद्र मोदी जब छोटे थे तो वह शर्मिष्‍ठा झील में अक्‍सर खेलने जाया करते थे. 'बाल नरेंद्र' बुक के मुताबिक, उन्‍हें पता नहीं था कि उस झील में मगरमच्‍छ भी हैं, यहां से वो एक मगरमच्छ के बच्चे को पकड़कर घर ले लाए. उनकी मां हीरा बा ने जब ये देखा तो बहुत नाराज हुईं और बाद में मां की डांट सुनकर वो मगरमच्छ के बच्चे को वापस छोड़ आए. शर्मिष्ठा झील का भी कायाकल्प किया गया है.
जन्मभूमि और कर्मभूमि के विकास के इन्हीं रास्तों से पीएम नरेंद्र मोदी यूपी और गुजरात के चुनावी समर में आगे बढ़ना चाहते हैं. कल तकरीबन पूरा दिन पीएम मोदी ने वाराणसी में बिताया. आज गुजरात में विकास योजनाओं की शुरुआत की बारी है. यूपी में 14 मई 2022 को विधानसभा का कार्यकाल खत्म हो रहा है और गुजरात में 18 फरवरी 2023 को विधानसभा का कार्यकाल खत्म होगा. इन दोनों राज्यों में बीजेपी की एक बार फिर से जीत की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कंधे पर है.


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