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RSS के अस्पताल में सिर्फ हिंदुओं का इलाज होगा? रतन टाटा ने नितिन गडकरी से पूछा था सवाल, दिया था ये जवाब
Kajal Dubey
15 April 2022 2:57 AM GMT
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पुणे: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को महाराष्ट्र के पुणे में एक मल्टी स्पेशिलियटी चैरिटेबल हॉस्पिटल का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा से जुड़ा एक पुराना किस्सा सुनाया. दरअसल, रतन टाटा को समझाना पड़ा था कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करता है.
नितिन गडकरी कहा, जब वो महाराष्ट्र की शिवसेना-भाजपा सरकार में मंत्री थे, तब औरंगाबाद में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ने आरएसएस के संस्थापक हेडगेवार के नाम पर बनाए गए एक अस्पताल के उद्घाटन का कार्यक्रम आयोजित किया था. उस दौरान वहां मुकुंदराव पनशिकर संघ के प्रचारक थे. उन्होंने गडकरी से इच्छा जताई कि इस अस्पताल का उद्घाटन उद्योगपति रतन टाटा के हाथों करवाया जाए.
संघ प्रचारक के कहने पर गडकरी ने रतन टाटा को अस्पताल के उद्घाटन का न्योता दिया. नितिन गडकरी के आग्रह पर रतन टाटा खुद विमान उड़ाकर औरंगाबाद पहुंचे थे. विमान से उतरते ही रतन टाटा ने गडकरी से पूछा, "यह अस्पताल केवल हिंदूओं के लिए है क्या?" इस पर गडकरी ने पूछा कि आपको ऐसा क्यों लगा? इस सवाल पर रतन टाटा ने कहा, ''यह संघ का अस्पताल है इसलिए पूछा.''
नितिन गडकरी ने कहा, ''तब मैंने रतन टाटा को बताया कि ऐसा बिल्कुल नहीं है. यह अस्पताल सभी समुदाय के लोगों के लिए है. संघ परिवार में ऐसे ख्याल (धर्म के आधार पर भेदभाव) किसी के मन में नहीं पकते.''
केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री ने इस मौके पर कहा कि देश में स्वास्थ्य और शिक्षा के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए और अधिक काम किए जाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में जरूरत के अनुसार सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं. यदि शहरी क्षेत्र में सुविधाएं हैं, तो ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति अच्छी नहीं है, खासकर शिक्षा की स्थिति. लेकिन सुविधाओं में सुधार हो रहा है. गडकरी ने यह भी कहा कि वह सिर्फ 10 प्रतिशत राजनीति और 90 प्रतिशत सामाजिक कार्य करते हैं.
Kajal Dubey
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