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अध्यक्ष बनने छोड़ना होगा सीएम पद

Nilmani Pal
23 Sep 2022 6:14 AM GMT
अध्यक्ष बनने छोड़ना होगा सीएम पद
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पप्पू फरिश्ता

वन मैन वन पोस्ट: राहुल गांधी ने गहलोत को लेकर दिया महत्वपूर्ण इशारा

जनता से रिश्ता की खबर की प्रमाणिकता साबित, एक दिन पहले ही सबसे पहले खबर छापा

नई दिल्ली। कांग्रेस में अध्यक्ष पद के चुनाव और उम्मीदवारी की चर्चाओं के बीच राहुल गांधी ने अशोक गहलोत को लेकर बड़ा संकेत दिया है। उन्होने इशारा किया है कि अगर अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष बनते हैं तो उन्हें मुख्यमंत्री का पद छोडऩा पड़ेगा। केरल में राहुल गांधी ने वन मैन वन पोस्ट का समर्थन करते हुए कहा, हमने उदयपुर में जो वादा किया था, उसे निभाया जाएगा। बता दें कि ऐसा मान जाा रहा है कि अध्यक्ष पद के लिए अशोक गहलोत गांधी परिवार की पहली पसंद हैं।

अध्यक्ष पद पर गांधी फैमिली को लेकर राहुल ने लगाया है वीटो, जल्द भरूंगा नामांकन

कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर चल रही खींचतान के बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि राहुल गांधी यह साफ कर चुके हैं कि इस बार गांधी परिवार का कोई भी व्यक्ति पार्टी अध्यक्ष पद का उम्मीदवार नहीं बनेगा। गहलोत ने कहा, जब कांग्रेस कमेटी ये प्रस्ताव पास कर रही है कि आपको (राहुल गांधी) अध्यक्ष बनना चाहिए तो फिर आप उसे स्वीकार कीजिए। मैंने उनसे काफी बात करने की कोशिश की। उनका कहना है कि हमने फैसला कर लिया कि इस बार कोई गांधी परिवार का व्यक्ति उम्मीदवार नहीं बनेगा।

अशोक गहलोत ने कहा, 'राहुल गांधी ने मुझे बताया कि मैं जानता हूं कि सब लोग मुझे कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर देखना चाहते हैं लेकिन अब फैसला हो चुका है। मैं उन सभी लोगों का बहुत सम्मान करता हूं।' गहलोत ने आगे कहा कि यह फैसला लिया गया है कि मैं चुनाव (कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए) लड़ूंगा। नॉमिनेशन की तारीख का मैं जल्द ही ऐलान करूंगा। देश के मौजूदा हालात को देखते हुए विपक्ष को मजबूत होने की जरूरत है और उसके लिए हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि अशोक गहलोत मुख्यमंत्री पद नहीं छोडऩा चाहते हैं। एक दिन पहले ही वह सोनिया गांधी से मिलने दिल्ली पहुंचे थे। उनसे सवाल किया गया था कि अगर वह अध्यक्ष बनते हैं तो क्या मुख्यमंत्री पद छोड़ेंगे और सचिन पायलट को मौका देंगे? इस पर बात को टालते हुए गहलोत ने कहा था कि वह तो सभी पद छोडऩे को तैयार हैं। उन्होंने कहा था कि पद छोडऩा है या नहीं इसका फैसला केवल पार्टी और लोग ही करेंगे। अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच तनातनी किसी से छिपी नहीं है। 2020 में तो ऐसा लग रहा था कि सचिन पायलट के विद्रोह की वजह से सरकार ही गिर जाएगी लेकिन फिर स्थितियां संभल गईं। अब भी पार्टी में विद्रोह की खबरें आती रहती हैं।

वहीं इसी साल उदयपुर में कांग्रेस ने तीन दिन का शिविर आयोजित किया था जिसमें 'वन मैन वन पोस्ट' के नियम का पालन करने की बात हुई थी।

कांग्रेस अध्यक्ष की रेस में उतरे नेताओं को राहुल की सलाह- ध्यान रखना

कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए 24 सितंबर से नामांकन की प्रक्रिया शुरू होने वाली है। इस बीच अध्यक्ष पद की रेस में शामिल नेताओं को राहुल गांधी ने बड़ी सलाह दी है। भारत जोड़ो यात्रा पर निकले राहुल गांधी ने गुरुवार को कहा कि कांग्रेस का अध्यक्ष होना सिर्फ एक पद नहीं है बल्कि यह विश्वास का प्रतीक है। यह भारत के विजन का प्रतिनिधित्व करता है। राहुल गांधी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में उतरने वाले लोगों को मेरी सलाह है कि आप जिस पद को हासिल करने जा रहा है, वह ऐतिहासिक है और भारत के एक विचार का प्रतिनिधित्व करता है। यह महज एक संगठन का पद नहीं है बल्कि वैचारिक पद है, जो एक विश्वास का प्रतिनिधत्व करता है। इस दौरान राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि हम एक ऐसी मशीन से लड़ रहे हैं, जिसने देश के संस्थानों को कब्जा लिया है। उनके पास अकूत दौलत है और वे खरीद सकते हैं। लोगों पर दबाव डाल सकते हैं और उन्हें धमका सकते हैं। इसका परिणाम आपने गोवा जैसे राज्य में भी देखा है। इस बीच कांग्रेस पार्टी ने अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। शेड्यूल के मुताबिक कोई भी नेता चुनाव में उतरने के लिए 24 से 30 सितंबर तक नामांकन दाखिल कर सकता है। इसके अलावा नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 8 अक्टूबर रहेगी। अध्यक्ष पद के लिए एक से ज्यादा उम्मीदवार होने की स्थिति में 17 अक्टूबर को सभी राज्यों में चुनाव होगा। इस दौरान प्रदेश कांग्रेस के प्रतिनिधि वोट डालेंगे।

19 अक्टूबर को मतों की गिनती होगी और रिजल्ट का ऐलान किया जाएगा। बता दें कि अब तक अशोक गहलोत, शशि थरूर, दिग्विजय सिंह जैसे नेताओं के नाम अध्यक्ष पद की रेस के लिए चर्चा में हैं। इसके अलावा मनीष तिवारी और मल्लिकार्जुन खडग़े के नाम भी चर्चा में हैं। हालांकि इनमें से किसी भी नेता ने चुनाव में उतरने को लेकर कुछ कहा नहीं है। दिग्विजय सिंह तो आज सोनिया गांधी से मिलने के लिए दिल्ली भी पहुंचे हैं।

सांप्रदायिकता के सभी रूपों के प्रति 'जीरो टॉलरेंस' की नीति होनी चाहिए

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने भी कहा कि हर तरह की सांप्रदायिकता का मुकाबला किया जाना चाहिए। रमेश ने इस मामले पर गांधी के बयान को टैग करते हुए ट्वीट किया, 'यह नेहरूवादी रुख का एक स्पष्ट दोहराव है- सभी तरह की सांप्रदायिकता खतरनाक है और इसका समान रूप से मुकाबला किया जाना चाहिए।Ó कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को कहा कि हर तरह की सांप्रदायिकता का मुकाबला किया जाना चाहिए, चाहे वह कहीं से भी हो और उसके प्रति 'कतई बर्दाश्त न करनेÓ (जीरो टॉलरेंस) की नीति होनी चाहिए। गांधी ने राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) और अन्य एजेंसियों द्वारा पीएफआई कार्यालयों और पीएफआई नेताओं के घरों पर देशव्यापी छापे के संबंध में संवाददाता सम्मेलन में पूछे एक सवाल के जवाब में कहा, ''हर तरह की सांप्रदायिकता का मुकाबला किया जाना चाहिए, चाहे वह कहीं से भी हो। सांप्रदायिकता के प्रति 'कतई बर्दाश्त न करनेÓ (जीरो टॉलरेंस) की नीति होनी चाहिए और इसका मुकाबला किया जाना चाहिए।ÓÓ पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने भी कहा कि हर तरह की सांप्रदायिकता का मुकाबला किया जाना चाहिए। रमेश ने इस मामले पर गांधी के बयान को टैग करते हुए ट्वीट किया, ''यह नेहरूवादी रुख का एक स्पष्ट दोहराव है- सभी तरह की सांप्रदायिकता खतरनाक है और इसका समान रूप से मुकाबला किया जाना चाहिए।ÓÓ अधिकारियों ने बताया कि एनआईए की अगुवाई में कई एजेंसियों ने बृहस्पतिवार को राज्यों में आतंकवाद के वित्त पोषण में कथित तौर पर शामिल संदिग्धों के ठिकानों पर छापेमारी की और पीएफआई के 106 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया।

उन्होंने बताया कि सबसे अधिक गिरफ्तारी केरल (22) में की गई। इसके बाद महाराष्ट्र (20), कर्नाटक (20), आंध्र प्रदेश (5), असम (9), दिल्ली (3), मध्य प्रदेश (4), पुडुचेरी (3), तमिलनाडु (10), उत्तर प्रदेश (8) और राजस्थान (2) में की गईं।

आज आराम का दिन, अभी तक पूरी हुई 333 किमी की यात्रा

केरल। भारत जोड़ो यात्रा के लिए आज आराम का दिन है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बताया कि भारत जोड़ो यात्रा का 15वां दिन समाप्त। अब तक 333 किमी की यात्रा पूरी हुई। अंगमाली में राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस हाईलाइट थी। आज विश्राम का दिन है। उसके बाद हम त्रिशूर के लिए निकलेंगे। बता दें कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को कांग्रेस के देश की सत्ता में वापसी के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। इसके लिए पार्टी निचले स्तर पर कार्यकर्ताओं के बीच एकता का मंत्र फूंकने की कोशिश करती दिख रही है। एर्नाकुलम में कांग्रेस सांसद ने प्रेस कांफ्रेंस कर यात्रा और भविष्य की राजनीति पर कई सारी बातें कहीं। निशाने पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार रही। इस दौरान उनसे सवाल किया गया कि यूपी में भारत जोड़ो यात्रा इतनी कम समय के लिए क्यों है? इस पर राहुल गांधी ने कहा कि यह यात्रा भारत के एक सिरे से शुरू होकर दूसरे सिरे के लिए है। इसलिए हम कई राज्यों में नहीं जा रहे हैं। इस यात्रा का रूट इसी तरह डिजाइन किया गया है। हम बिहार भी नहीं जा रहे हैं। हम पश्चिम बंगाल भी नहीं जा रहे हैं। हम गुजरात भी नहीं जा रहे हैं। यूपी में बहुत कम दिन के लिए यात्रा रहेगी। भारत को जोडऩे के लिए निकले राहुल गांधी एक प्रकार से 232 सीटों को सीधे-सीधे छोड़ रहे हैं। इसमें यूपी की 80 सीटें सबसे अधिक हैं। इन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है। इसके अलावा राहुल गांधी बिहार की 40, पश्चिम बंगाल की 42, गुजरात की 26, झारखंड की 14, उत्तराखंड की 5 और नॉर्थ ईस्ट की 25 लोकसभा सीटों को नजरअंदाज कर रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस भारत जोड़ो यात्रा के तहत 311 सीटों को टार्गेट कर किस प्रकार की रणनीति को साध रही है। ऐसे में कांग्रेस की लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।

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