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लखनऊ (आईएएनएस)| समाजवादी पार्टी (सपा) ने कहा है कि वह इस साल के शुरू में उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में मतदाता सूची में नाम हटाने के आरोपों का सबूत मांगने के लिए चुनाव आयोग द्वारा दिए गए नोटिस का समय पर जवाब देगी। चुनाव आयोग ने गुरुवार को सपा को नोटिस जारी कर पार्टी को 10 नवंबर तक सबूत पेश करने को कहा था।
पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा, हम चुनाव आयोग के नोटिस का जवाब 10 नवंबर की समय सीमा से पहले दे देंगे।
उन्होंने सवाल किया कि क्या आरोप साबित होने के बाद चुनाव आयोग 2022 के चुनाव परिणामों को शून्य घोषित करेगा।
चौधरी ने कहा कि चुनाव से पहले और चुनाव के दौरान हमने कई ज्ञापन सौंपे थे और पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने राज्य चुनाव कार्यालय में अनियमितताओं की शिकायतों के संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की थी, लेकिन एक भी शिकायत का समाधान नहीं किया गया।
उल्लेखनीय है कि अखिलेश यादव ने 29 सितम्बर को पार्टी के राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा था कि भाजपा के इशारे पर लगभग सभी 403 विधानसभा क्षेत्रों से यादव और मुस्लिम समुदायों के 20 हजार मतदाताओं के नाम हटा दिए गए।
हालांकि अखिलेश और उनकी पार्टी ने इस संबंध में कोई औपचारिक शिकायत नहीं की।
सपा प्रवक्ता ने कहा कि आदर्श आचार संहिता समाप्त होने के बाद हमें चुनाव आयोग द्वारा नोटिस दिया जा रहा है, यह अभूतपूर्व है। चुनाव आयोग को एक और अभूतपूर्व कदम उठाना चाहिए, उसे घोषणा करनी चाहिए कि आरोप साबित हो जाने पर वह चुनाव परिणामों को शून्य घोषित कर देगा।
सपा का आरोप है कि पार्टी के सामने ऐसे कई उदाहरण आए, जहां उम्मीदवारों को दी गई मतदाता सूची चुनाव अधिकारियों की मतदाता सूची से अलग थी।
हालांकि इस मामले को यह कहते हुए खारिज कर दिया गया था कि मतदाता सूची को वितरित करने वाले व्यक्ति ने गैर संशोधित सूचियों का एक बंडल सौंप दिया था।
jantaserishta.com
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